
“लखनऊ के विभूतिखंड थाने में वकीलों और पुलिस के बीच विवाद हिंसक झड़प में बदल गया। वकीलों ने पुलिस पर मारपीट और अभद्रता का आरोप लगाया, जिससे नाराज अधिवक्ताओं ने थाने का घेराव कर प्रदर्शन किया। पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज, जांच जारी। पढ़ें पूरी खबर।”
लखनऊ, राजधानी लखनऊ के विभूतिखंड थाने में शुक्रवार रात वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि मामला हिंसक झड़प में बदल गया। आरोप है कि पुलिस ने वकीलों के साथ मारपीट की, जिससे गुस्साए वकीलों ने थाने का घेराव कर जमकर प्रदर्शन किया।
कैसे भड़की हिंसा?
जानकारी के अनुसार, तीन वकील किसी मारपीट के मामले में पैरवी करने के लिए विभूतिखंड थाने पहुंचे थे। इसी दौरान पुलिस और वकीलों के बीच कहासुनी हो गई, जो जल्द ही हाथापाई में बदल गई। वकीलों का आरोप है कि पुलिस ने न सिर्फ उनके साथ मारपीट की बल्कि उनके साथी अधिवक्ता सौरभ कुमार वर्मा को भी बेरहमी से पीटा।
सैकड़ों वकीलों ने किया प्रदर्शन
जब इस घटना की खबर अन्य वकीलों को मिली, तो सैकड़ों की संख्या में अधिवक्ता थाने पर जमा हो गए और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इस दौरान वकीलों और पुलिस के बीच कई बार झड़प हुई। गुस्साए वकीलों ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
वकीलों का गंभीर आरोप: पुलिस ने पेशाब किया और CCTV फुटेज किया डिलीट
वकीलों ने पुलिसकर्मियों पर बेहद गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने अधिवक्ताओं पर पेशाब किया और फिर सीसीटीवी फुटेज भी डिलीट कर दिए ताकि मारपीट के सबूत मिटाए जा सकें। इस घटना ने पूरे वकील समुदाय में आक्रोश भर दिया, जिससे मामला और गंभीर हो गया।
आईजीपी चौराहे पर लगाया जाम
मामले के बढ़ने के बाद रात करीब 9:30 बजे नाराज वकीलों ने आईजीपी चौराहे पर जाम लगा दिया और पुलिस प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। वकीलों का कहना था कि जब तक आरोपी पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होती, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।
पुलिसकर्मियों पर दर्ज हुआ मुकदमा
वकीलों के बढ़ते आक्रोश और प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस उच्चाधिकारियों ने मामले की जांच के आदेश दिए। विभूतिखंड थाने में तैनात निरीक्षक पंकज कुमार समेत 9 पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है।
मामले की जांच जारी
फिलहाल, पुलिस प्रशासन इस मामले की जांच कर रहा है। वकील समुदाय पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग पर अड़ा हुआ है, जबकि पुलिस प्रशासन मामले को शांत कराने की कोशिश कर रहा है। यह घटना लखनऊ में कानून व्यवस्था और पुलिस के रवैये पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
वकीलों और पुलिस के बीच यह टकराव सिर्फ एक विवाद तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसने प्रशासनिक लापरवाही और पुलिस के व्यवहार पर भी सवाल उठा दिए हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि इस मामले में क्या कार्रवाई होती है और क्या वकीलों को न्याय मिल पाएगा?
➡️चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट