जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में पुलिस की बर्बरता का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। आरोप है कि बांसडीह क्षेत्र में पुलिस ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के विधानसभा प्रभारी उमापति राजभर को बुरी तरह पीटा और उन्हें थाने के बाथरूम में बंद कर दिया।
घटना कैसे घटी?
उमापति राजभर के अनुसार, वह किसी काम से बांसडीह तहसील गए थे। तभी एक चार पहिया वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी। जब उन्होंने विरोध किया, तो कार में सवार व्यक्ति उनसे बहस करने लगा। बात इतनी बढ़ गई कि राजभर ने उसका कॉलर पकड़ लिया। बाद में पता चला कि वह व्यक्ति एसडीएम का स्टेनो दीपक था।
पुलिस ने जबरन किया गिरफ्तार
इस घटना के बाद वकीलों की मध्यस्थता से मामला सुलझ गया, लेकिन स्टेनो दीपक ने थाने में फोन कर शिकायत दर्ज करा दी। इसके बाद जब उमापति राजभर अदालत में थे, तभी एसआई रंजीत और कांस्टेबल शैलेश वहां पहुंचे और उन्हें जबरन पकड़कर थाने ले गए।
थाने में बर्बर पिटाई और धमकियां
राजभर का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें बाथरूम में बंद कर दिया और बुरी तरह पीटा। थानेदार संजय सिंह ने भी उनकी बेरहमी से पिटाई की और उनका तौलिया तक खींचकर फेंक दिया। इस मारपीट में उनके हाथ-पैरों में गंभीर चोटें आईं और उनकी एक आंख सूज गई।
पुलिस ने बनाया समझौते का दबाव
जब पीड़ित नेता अपने समर्थकों के साथ शिकायत दर्ज कराने पहुंचे, तो थानेदार संजय सिंह ने समझौता करने का दबाव डालना शुरू कर दिया। हालांकि, उमापति राजभर ने हार नहीं मानी और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करवा दिया।
पुलिस की बर्बरता पर जनता में आक्रोश
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों और सुभासपा कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश है। उन्होंने पुलिस की इस हरकत की कड़ी निंदा की और निष्पक्ष जांच की मांग की है।
प्रशासन की कार्रवाई का इंतजार
अब देखना होगा कि बलिया पुलिस और प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाते हैं। क्या दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई होगी, या फिर यह मामला भी दबा दिया जाएगा?
बलिया में पुलिस की यह हरकत न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि सत्ता की हनक में कुछ अधिकारी अपनी हदें पार कर रहे हैं। क्या उत्तर प्रदेश सरकार इस मामले में कोई ठोस कदम उठाएगी, यह देखने वाली बात होगी।

Author: जगदंबा उपाध्याय, मुख्य व्यवसाय प्रभारी
जिद है दुनिया जीतने की