अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
18वीं लोकसभा का पहला बजट सत्र आज से आरंभ हो गया है। सत्र की शुरुआत में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दोनों सदनों को संयुक्त रूप से 59 मिनट तक संबोधित किया। उनके भाषण के बाद, कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि राष्ट्रपति अपने भाषण के अंत में थकी हुई लग रही थीं और “पुअर लेडी” बहुत मुश्किल से बोल रही थीं। सोनिया गांधी के इस बयान पर विवाद खड़ा हो गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के द्वारका में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी के बयान पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “द्रौपदी मुर्मू जी एक आदिवासी परिवार से आई हैं। उनकी मातृभाषा हिंदी नहीं, उड़िया है। मातृभाषा हिंदी न होने के बावजूद उन्होंने आज संसद को प्रेरित किया, भाषण दिया। लेकिन कांग्रेस के शाही परिवार ने उनका अपमान करना शुरू कर दिया है।”
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “शाही परिवार के एक सदस्य ने कहा कि आदिवासी बेटी ने बहुत बोरिंग भाषण दिया। दूसरी सदस्य तो इससे भी एक कदम और आगे बढ़कर राष्ट्रपति जी को गरीब कहा और थकी हुई कहा। ये देश के 10 करोड़ आदिवासी भाई-बहनों का अपमान है। ये देश के हर गरीब का अपमान है।”
इन घटनाओं के बीच, राष्ट्रपति भवन ने भी बयान जारी किया है। राष्ट्रपति भवन की ओर से कहा गया है कि महामहिम राष्ट्रपति के अभिभाषण पर कांग्रेस पार्टी के कुछ नेताओं की टिप्पणियां सही नहीं थीं। इससे उनके शीर्ष पद की गरिमा को ठेस पहुंची है।
सोनिया गांधी के बयान के बाद, केंद्र की भाजपा सरकार ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, और इसे राष्ट्रपति तथा देश के आदिवासी समुदाय का अपमान बताया है।