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प्रयागराज

प्रयागराज कुंभ में भगदड़ के बाद आया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान ; अखिलेश ने शुरू किया राजनीति

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सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट

प्रयागराज में आयोजित कुंभ मेले में बुधवार रात एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी, जब संगम नोज के पास भीड़ के अत्यधिक दबाव के कारण भगदड़ मच गई। इस हादसे में कई श्रद्धालु हताहत हुए हैं, और समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार, कम से कम 15 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें। उन्होंने कहा,

 “संगम नोज की ओर न जाएं, जो श्रद्धालु जिस घाट पर हैं, वहीं स्नान करें।”

मुख्यमंत्री ने प्रशासन को भी निर्देश दिए हैं कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं और घायलों को त्वरित चिकित्सा सहायता दी जाए।

अमृत स्नान रद्द, अखाड़ा परिषद की बैठक के बाद होगा निर्णय

केंद्रीय सरकार की पूर्व मंत्री और संगम पर मौजूद साध्वी निरंजन ज्योति ने इस घटना पर गहरा दुख प्रकट किया और घोषणा की कि अमृत स्नान फिलहाल रद्द कर दिया गया है। उन्होंने श्रद्धालुओं से संयम बनाए रखने की अपील की।

इस बीच, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने भी इस हादसे पर दुख व्यक्त किया और कहा कि अखाड़ों ने जनता के हित को देखते हुए आज स्नान न करने का फैसला किया है। उन्होंने भी श्रद्धालुओं से अपील की कि वे संगम पर जाने की कोशिश न करें और जिस घाट पर हैं, वहीं स्नान करें।

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस हादसे को “अव्यवस्थाजन्य” करार देते हुए सरकार की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,

 “महाकुंभ में अव्यवस्थाजन्य हादसे में श्रद्धालुओं के हताहत होने के समाचार बेहद दुखद हैं। श्रद्धांजलि।”

अखिलेश यादव ने सरकार से मांग की कि गंभीर रूप से घायलों को एयर एंबुलेंस के माध्यम से सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों तक पहुंचाया जाए और मृतकों के शवों को उनके परिवारों को सौंपने की उचित व्यवस्था की जाए।

उन्होंने आगे लिखा कि,

 “बिछड़े हुए लोगों को मिलाने के लिए त्वरित प्रयास किए जाएं। हेलिकॉप्टर की मदद से निगरानी बढ़ाई जाए और राहत कार्यों को प्राथमिकता दी जाए।”

कैसे मची भगदड़?

बीबीसी संवाददाता नियाज़ फारूकी के अनुसार, यह भगदड़ संगम नोज के नज़दीक हुई। संगम नोज वह स्थान है जहां गंगा, यमुना और मिथकीय सरस्वती नदियों का संगम होता है। यह कुंभ का सबसे पवित्र स्थल माना जाता है और साधु-संतों के साथ-साथ श्रद्धालु भी यहां स्नान करना अत्यधिक शुभ मानते हैं।

कुंभ मेले में इस बार भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए नदी के किनारों को चौड़ा किया गया था, जिससे हर घंटे दो लाख श्रद्धालु स्नान कर सकें। इससे पहले यह क्षमता 50,000 श्रद्धालुओं प्रति घंटे थी।

हालांकि, बुधवार रात जब भारी संख्या में श्रद्धालु संगम नोज की ओर बढ़ने लगे, तो भीड़ नियंत्रण में असफलता के कारण भगदड़ मच गई। पुलिस और प्रशासनिक बलों ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन अत्यधिक भीड़ के कारण अव्यवस्था फैल गई।

प्रशासन का निर्देश और सुरक्षा उपाय

घटना के बाद, उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन ने निम्नलिखित निर्देश जारी किए हैं:

श्रद्धालुओं को संगम नोज जाने से रोका जाएगा।

जिस घाट पर श्रद्धालु हैं, वहीं स्नान करने की सलाह दी गई है।

अफवाहों से बचने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की गई है।

घायलों के इलाज के लिए चिकित्सीय सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं।

हेलिकॉप्टर और ड्रोन के जरिए निगरानी रखी जा रही है।

प्रयागराज कुंभ में हुई इस दुखद घटना ने एक बार फिर से भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा इंतजामों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं से संयम बनाए रखने की अपील की है, जबकि अखाड़ों ने अमृत स्नान रद्द कर दिया है।

प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन इस घटना से कुंभ मेले के आयोजन और प्रबंधन को लेकर गंभीर चिंताएं उठी हैं।

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samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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