अब्दुल मोबीन सिद्दीकी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले के हरदत्तनगर थाना क्षेत्र के छेदागांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक युवक ने तांत्रिक के कहने पर एक 7 साल के मासूम की निर्मम हत्या कर दी। यह मामला उस समय सुर्खियों में आया, जब आरोपी युवक ने पुलिस के सामने अपनी आपबीती बयान की, जिससे इस सनसनीखेज हत्या का कारण सामने आया।
दीपू नामक युवक की शादी तीन साल पहले हुई थी, लेकिन उसके कोई संतान नहीं हो रही थी। उसकी पत्नी दो बार गर्भवती हुई थी, लेकिन दोनों ही बार गर्भपात हो गया था। इस स्थिति से परेशान होकर दीपू ने तांत्रिकों और झाड़-फूंक करने वालों की मदद लेने का फैसला किया। तांत्रिक ने उसे बताया कि उसके पड़ोसियों ने किसी प्रकार का टोटका कराया है, जिससे उसकी संतान का न होना एक दैवीय शाप की वजह से हो रहा है। तांत्रिक ने दीपू से कहा कि उसे इस शाप को समाप्त करने के लिए किसी मासूम को बलि चढ़ानी होगी।
दीपू ने गुस्से और हताशा में अपने पड़ोसी मेलेराम के बेटे अरुण, जो मात्र 7 साल का था, को अपना शिकार बनाया। अरुण अपने घर के पास खेल रहा था, और दीपू ने उसे बहला-फुसला कर अपने साथ दुकान ले गया, जहां उसने अरुण को नमकीन खरीद कर दी। इसके बाद, उसे अपने अरहर के खेत में ले जाकर गला घोंट कर उसकी निर्मम हत्या कर दी। हत्या के बाद दीपू डर के मारे घर से फरार हो गया।
इस घटना के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दीपू को 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपी से पूछताछ की, जिसमें उसने बताया कि तांत्रिक के कहने पर ही उसने यह कदम उठाया था। पुलिस ने दीपिका, दीपू की पत्नी, को भी गिरफ्तार कर लिया है, जो हत्या के बाद आरोपी के साथ थी।
यह घटना समाज में अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र के प्रभाव को उजागर करती है, जहां एक इंसान अपनी मानसिक स्थिति के कारण मासूमों की जान लेने पर उतर आता है। पुलिस ने इस मामले को जल्द सुलझाते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।