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श्रावस्ती

31 साल से फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी कर रहा सिपाही पकड़ा गया, शिक्षकों के बाद पुलिस विभाग में भी खुलासा

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श्रावस्ती में 31 साल से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी कर रहे सिपाही का भंडाफोड़ हुआ। जांच में प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए, जिसके बाद आरोपी को बर्खास्त कर जेल भेज दिया गया। पूरी खबर पढ़ें।

श्रावस्ती: उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले में फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी पाने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पहले शिक्षकों की फर्जी नियुक्तियों के मामले सामने आए थे और अब पुलिस विभाग में भी फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। 31 साल से पुलिस की नौकरी कर रहे एक सिपाही को फर्जी अभिलेखों के आधार पर नौकरी करने का दोषी पाया गया है।

कैसे पकड़ा गया फर्जीवाड़ा?

गोरखपुर जिले के झंगहा थाना क्षेत्र के रसूलपुर नंबर-दो, मजरा राघव पट्टी पंड़री निवासी देवव्रत यादव ने पुलिस अधीक्षक (SP) को शिकायती पत्र देकर सोनवा थाने में तैनात मुख्य आरक्षी भवनाथ यादव पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए नौकरी पाने का आरोप लगाया। शिकायत के आधार पर एसपी घनश्याम चौरसिया ने मामले की जांच कराई।

जांच में कैसे हुआ खुलासा?

जांच के दौरान भवनाथ यादव द्वारा भर्ती के समय प्रस्तुत किए गए हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के प्रमाण पत्रों की सत्यता की जांच माध्यमिक शिक्षा परिषद, वाराणसी से कराई गई।

1. हाईस्कूल अंक पत्र: अनुक्रमांक 0709559, प्रमाण पत्र संख्या 0323676, उत्तीर्ण वर्ष 1989

2. इंटरमीडिएट अंक पत्र: अनुक्रमांक 395726, प्रमाण पत्र संख्या 001203435, उत्तीर्ण वर्ष 1992

जब इन प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराया गया, तो यह फर्जी पाए गए। इसके अलावा, भवनाथ यादव ने वर्ष 1992 में सतासी इंटरमीडिएट कॉलेज, रुद्रपुर (देवरिया) से इंटरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण दिखाया था, लेकिन जांच में पाया गया कि इस नाम का कोई छात्र इस स्कूल में दर्ज ही नहीं था।

क्या कार्रवाई की गई?

जब भवनाथ यादव के शैक्षिक दस्तावेज फर्जी साबित हुए, तो थानाध्यक्ष सोनवा गणनाथ प्रसाद की तहरीर पर मामला दर्ज किया गया। इसके बाद आरोपी को तत्काल बर्खास्त कर गिरफ्तार कर लिया गया और जेल भेज दिया गया।

यह मामला उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरियों में फर्जी अभिलेखों के सहारे भर्ती होने वाले गिरोहों के सक्रिय होने की ओर इशारा करता है। पुलिस प्रशासन द्वारा उठाए गए इस कदम से फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी पाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का संदेश गया है। अब देखना होगा कि क्या अन्य विभागों में भी ऐसी जांच होगी या नहीं।

➡️अब्दुल मोबीन सिद्दीकी की रिपोर्ट

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samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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