ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
रायबरेली जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में मंगलवार को उस समय अफरा-तफरी का माहौल बन गया, जब एक युवती न्याय की गुहार लेकर पुलिस अधीक्षक डॉ. यसवीर सिंह से मिलने पहुंची। युवती को एसपी से मिलने से रोका गया, जिसके बाद उसने पुलिस के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया। घटना के दौरान ड्यूटी पर तैनात महिला सिपाहियों ने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन युवती और भड़क गई और जोर-जोर से चिल्लाने लगी।
20 मिनट तक हाई वोल्टेज ड्रामा
युवती ने लगभग 20 मिनट तक पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर जमकर हंगामा किया। इस दौरान क्षेत्राधिकारी (सीओ) नगर अमित सिंह ने युवती को समझाने की काफी कोशिश की, लेकिन वह शांत होने को तैयार नहीं हुई। मामला बिगड़ते देख महिला पुलिस बल ने युवती को जबरन जीप में बैठाया और महिला थाने ले गई।
पुलिस पर रिश्वत लेने का आरोप
युवती का नाम रचना मौर्य है, जो कोतवाली क्षेत्र के बस्तेपुर की रहने वाली है। रचना मौर्य का आरोप है कि शहर कोतवाल ने उससे 20 हजार रुपये रिश्वत ली है। रचना ने बताया कि कुछ दिनों पहले उसके मोहल्ले में मुहल्लेवासियों के साथ उसका झगड़ा हुआ था। इस विवाद के दौरान पुलिस की मौजूदगी में मोहल्ले के लोगों ने उसे मारा-पीटा था। इसके बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
न्याय के लिए लखनऊ तक भटकी
रचना का कहना है कि उसने न्याय के लिए कई बार रायबरेली से लखनऊ तक अधिकारियों के चक्कर लगाए, लेकिन कहीं से उसे न्याय नहीं मिला। आखिरकार, न्याय की आस में वह एसपी कार्यालय पहुंची, लेकिन वहां उसे एसपी से मिलने नहीं दिया गया। इसी बात पर वह नाराज होकर हंगामा करने लगी।
पुलिस का बयान
इस मामले पर शहर कोतवाल राजेश सिंह ने सफाई देते हुए कहा कि रचना द्वारा लगाए गए सभी आरोप निराधार और झूठे हैं। उनका कहना है कि पुलिस पर रिश्वत लेने का कोई सबूत नहीं है।
जांच के आदेश
महिला पुलिस ने रचना मौर्य को महिला थाने ले जाकर मामले की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि युवती के आरोपों की गहनता से जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर उचित कार्रवाई होगी।
सवालों के घेरे में पुलिस की कार्यप्रणाली
इस घटना ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं। पीड़िता का कहना है कि पुलिस ने न केवल उसके साथ न्याय नहीं किया बल्कि उसके साथ अभद्रता भी की। अब देखना यह होगा कि जांच में सच सामने आता है या फिर मामले को दबाने की कोशिश की जाती है।