संजय कुमार वर्मा की रिपोर्ट
गोरखपुर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एक व्यक्ति पिछले 19 वर्षों से पुलिस की नौकरी कर रहा था। मामले के खुलासे के बाद आरोपी सिपाही के खिलाफ कैंट थाने में जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया गया है।
चचेरे भाई की शिकायत से हुआ खुलासा
देवरिया जिले के बढ़ौना हरदो गांव निवासी हिमांशु उपाध्याय ने एसपी जीआरपी से शिकायत की थी कि उनके चचेरे भाई सुशील कुमार उपाध्याय ने फर्जी प्रमाणपत्रों के जरिए 2006 में उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती हासिल की थी। वर्तमान में सुशील कुमार जीआरपी (Government Railway Police) में तैनात हैं।
हिमांशु उपाध्याय का आरोप था कि सुशील ने बार-बार अपनी जन्मतिथि में बदलाव कर हाईस्कूल की परीक्षा पास की। इतना ही नहीं, उन्होंने परिवार रजिस्टर में भी अपनी जन्मतिथि बदलवाई, जिससे वे सरकारी नौकरी हासिल कर सके। हिमांशु ने इस धोखाधड़ी को साबित करने के लिए हाईस्कूल की तीन अलग-अलग जन्मतिथि वाली मार्कशीट और परिवार रजिस्टर की दो अलग-अलग जन्मतिथियों की फोटोकॉपी भी शिकायत के साथ संलग्न की थी।
गोपनीय जांच में हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा
शिकायत मिलने के बाद एसपी जीआरपी ने एक वर्ष पूर्व मामले की जांच के आदेश दिए थे। विभागीय जांच के दौरान यह पुष्टि हो गई कि सुशील कुमार उपाध्याय ने गलत जन्मतिथि का उपयोग कर पुलिस की नौकरी पाई थी।
इस बीच, जब शिकायत पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो हिमांशु उपाध्याय ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी इस मामले की शिकायत दर्ज कराई। पोर्टल पर शिकायत पहुंचते ही जांच प्रक्रिया तेज कर दी गई और फिर से की गई जांच में फर्जीवाड़े की पुष्टि हो गई।
आरोपी सिपाही के खिलाफ केस दर्ज
जांच रिपोर्ट के आधार पर एसपी सिटी अभिनव त्यागी के निर्देश पर कैंट थाने में आरोपी पुलिसकर्मी के खिलाफ जालसाजी और कूटरचित दस्तावेज तैयार करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस अब इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है और आगे की कार्रवाई की तैयारी कर रही है।