चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिला अस्पताल की बदहाल व्यवस्थाओं का एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। गंभीर हालत में अस्पताल पहुंची नफीस बानो नामक महिला को बेड तक नसीब नहीं हुआ, जिससे डॉक्टरों ने उसे फर्श पर लिटाकर इलाज करना शुरू कर दिया। इस अमानवीय दृश्य का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
गंभीर हालत में अस्पताल पहुंची थी महिला
परिजनों के मुताबिक, नफीस बानो को पेट दर्द और सांस लेने में तकलीफ थी, जिसके कारण उसे जिला अस्पताल लाया गया। डॉक्टरों ने ग्लूकोज और ऑक्सीजन देने के बाद उसे बेड पर भर्ती करने के बजाय फर्श पर ही लिटा दिया। जब परिवारवालों ने इस पर आपत्ति जताई और बेड की मांग की, तो डॉक्टरों ने साफ कहा कि अस्पताल के सभी बेड पहले से फुल हैं।
फर्श पर इलाज के बाद किया गया रेफर
बेहतर इलाज की उम्मीद लेकर अस्पताल आई नफीस बानो की हालत फर्श पर इलाज के कारण और बिगड़ गई। जब उसके भाई ने डॉक्टरों से सही इलाज करने की गुहार लगाई, तो डॉक्टरों ने इलाज करने में असमर्थता जताई और उसे दूसरे अस्पताल के लिए रेफर कर दिया।
वीडियो वायरल, अस्पताल प्रशासन पर उठे सवाल
इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। स्थानीय लोग और सोशल मीडिया यूजर्स जिला अस्पताल की इस लापरवाही पर कड़ी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कुछ दिन पहले हरदोई के मेडिकल कॉलेज में भी ऐसा ही मामला सामने आया था, जहां लिफ्ट महीनों से खराब पड़ी थी और मरीजों को काफी परेशानी हो रही थी।
स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर सवाल
बाराबंकी अस्पताल का यह मामला एक बार फिर से उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोलता है। मरीजों को बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिल पा रही हैं, और गंभीर हालत में आने वाले लोगों को फर्श पर इलाज कराने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले पर क्या कार्रवाई करता है और क्या प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था में कोई सुधार देखने को मिलेगा।
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Author: जगदंबा उपाध्याय, मुख्य व्यवसाय प्रभारी
जिद है दुनिया जीतने की