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26 December 2024 10:55 pm

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पॉलिसी भुनाने के नाम पर ‘ठगी का खेल’ ; बड़े बड़े उस्तादों के हुए दिमाग फेल

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चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

कानपुर में साइबर अपराधों की घटनाएं दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं। इसी कड़ी में काकादेव थाना क्षेत्र के गीता नगर स्थित श्याम लीला अपार्टमेंट के निवासी और यूपी के बाराबंकी में कृषि विभाग में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर तैनात अरविंद कुमार के साथ ठगी का मामला सामने आया है। अरविंद ने अपनी एफआईआर में दर्ज कराया कि साइबर ठगों ने उन्हें बीमा पॉलिसी के पैसे वापस दिलाने के नाम पर 5.55 लाख रुपये का चूना लगा दिया।

बीमा पॉलिसी का हवाला देकर शुरू की ठगी

अरविंद ने बताया कि उन्होंने और उनकी पत्नी ने आठ बीमा पॉलिसियां ली थीं। इनमें से चार पॉलिसियां उन्होंने कोविड-19 के दौरान आर्थिक तंगी के कारण बंद कर दी थीं। 24 सितंबर 2024 को उन्हें “मेहता” नाम के व्यक्ति का फोन आया, जिसने खुद को बीमा कंपनी का अधिकारी बताया। फोन पर मेहता ने कहा कि उनकी चार पॉलिसियां बंद पड़ी हैं और वे चाहें तो उन्हें फिर से चालू कर सकते हैं या उसमें जमा रकम वापस ले सकते हैं। मेहता ने बताया कि पॉलिसियों में 9.7 लाख रुपये जमा हैं और इन्हें वापस पाने के लिए कुछ औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी।

सरकारी टैक्स और कागजी कार्रवाई के नाम पर ठगी

ठगों ने अरविंद से कहा कि पॉलिसी की धनराशि वापस पाने के लिए पहले सरकारी टैक्स जमा करना होगा। कागजी कार्रवाई के नाम पर किरन गुप्ता नाम की महिला और एक अन्य व्यक्ति, जिन्होंने खुद को एडवाइजर राजेंद्र जोशी बताया, अरविंद के घर भी आए। उन्होंने उन्हें भरोसा दिलाया कि उनकी धनराशि सुरक्षित है और जल्द ही वापस मिल जाएगी।

ठगों ने 24 सितंबर से 4 अक्टूबर 2024 के बीच अलग-अलग किस्तों में कुल 5.55 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए। आरोपियों ने पहले 3.56 लाख रुपये लिए और फिर अलग-अलग बहाने बनाकर शेष राशि ऐंठ ली।

फोन नंबर बंद होने पर हुआ ठगी का अहसास

जब अरविंद ने आरोपियों पर पैसे लौटाने का दबाव बनाया, तो उन्होंने अपने फोन नंबर बंद कर लिए। इसके बाद अरविंद को ठगी का अहसास हुआ और उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस कर रही जांच

कानपुर साइबर सेल के प्रभारी इंस्पेक्टर सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि अरविंद की शिकायत पर धोखाधड़ी और अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस आरोपियों के फोन नंबर और उनके द्वारा दिए गए दस्तावेजों तथा फोटोग्राफ के आधार पर जांच कर रही है। उनकी पहचान कर गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।

साइबर अपराधों में बढ़ोतरी का खतरा

इस घटना ने एक बार फिर साइबर सुरक्षा की गंभीरता को उजागर किया है। ठग नए-नए तरीकों से लोगों को झांसा देकर उनकी मेहनत की कमाई लूट रहे हैं। आम जनता को सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध कॉल या ऑफर से बचने की सलाह दी जा रही है।

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