सोनू करवरिया की रिपोर्ट
नरैनी : किसानों को रबी सीजन के लिए बीज वितरण के दौरान नरैनी के सहकारी बीज गोदाम भंडार में एसडीएम सत्य प्रकाश ने औचक निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि एक टैक्सी पर कई किसान लगभग 20 बोरियां बीज लादकर अपने घर ले जा रहे थे। एसडीएम ने टैक्सी को तुरंत रुकवाया और बीज गोदाम के प्रभारी अरुण कुमार कुशवाहा को मौके पर बुलाया। इसके बाद उन्होंने पोस मशीन (POS मशीन) की मदद से किसानों द्वारा प्राप्त किए गए बीजों की जांच की।
16 किलोग्राम प्रति बोरी की जांच
एसडीएम सत्य प्रकाश ने टैक्सी में लदी बोरियों का वजन मापने और वितरण की प्रक्रिया को जांचा। चेकिंग के दौरान प्रत्येक बोरी का वजन 16 किलोग्राम पाया गया। इसके बाद एसडीएम ने मौके पर मौजूद सभी किसानों को बुलाकर उनकी बोरियों की संख्या का मिलान गोदाम के रजिस्टर से किया। मिलान सही पाए जाने के बाद टैक्सी को रवाना कर दिया गया, जिससे किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
किसानों की पुष्टि
बहादुरपुर और कालिंजर क्षेत्र के किसानों, जिनमें नर्मदा, चन्ना, बैजनाथ, कामता प्रसाद, और नत्थू सहित अन्य किसानों ने बीज प्राप्त करने की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि उन्होंने सरकारी व्यवस्था के तहत बीज प्राप्त किए हैं और प्रक्रिया के अनुसार अपना अंगूठा पोस मशीन पर लगाया था।
गोदाम प्रभारी को दिए निर्देश
बीज गोदाम के प्रभारी अरुण कुमार कुशवाहा ने बताया कि पोस मशीन के माध्यम से जिन किसानों का अंगूठा लगाया गया है, उन्हीं को बीज वितरित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि गोदाम में भीड़ अधिक होने के कारण वितरण प्रक्रिया में थोड़ी देरी हो रही है। इस पर एसडीएम सत्य प्रकाश ने गोदाम प्रभारी को निर्देश दिए कि बीज वितरण क्षेत्रीय किसानों को प्राथमिकता के आधार पर किया जाए, ताकि दूरदराज के किसानों को अनावश्यक परेशानी का सामना न करना पड़े।
स्थानीय किसानों के लिए बीज वितरण को लेकर सख्ती
एसडीएम सत्य प्रकाश के निर्देशों के बाद बीज गोदाम में व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि केवल स्थानीय किसानों को ही बीज वितरण सुनिश्चित किया जाए ताकि संसाधनों का सही उपयोग हो सके। इसके अलावा उन्होंने गोदाम प्रभारी को समय-समय पर वितरण प्रक्रिया की समीक्षा करने के लिए कहा।
यह औचक निरीक्षण प्रशासन द्वारा पारदर्शी और सुचारु बीज वितरण प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए किया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे किसानों के बीच विश्वास बना रहेगा और उन्हें समय पर बीज प्राप्त करने में मदद मिलेगी।