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26 December 2024 4:44 pm

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रामनगर में स्ट्रीट लाइटों की खराबी : भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अनदेखी का पर्दाफाश

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संजय सिंह राणा की रिपोर्ट

चित्रकूट: जिले के रामनगर ब्लॉक में भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अनदेखी के गंभीर आरोप उठाए जा रहे हैं। क्षेत्र पंचायत सदस्य अंकुर चौधरी ने ब्लॉक प्रमुख और खंड विकास अधिकारी की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं। लाखों की लागत से लगाई गई स्ट्रीट लाइटें महज कुछ ही दिनों में खराब हो गई हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी और ठेकेदार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। इसका नतीजा यह है कि गांव अंधकार में डूबा हुआ है और चोरियों की घटनाओं में वृद्धि हो रही है।

भ्रष्टाचार की जड़ें और लापरवाही

रामनगर गांव में क्षेत्र पंचायत द्वारा 26 स्ट्रीट लाइटें लगाई गई थीं, लेकिन इनमें से केवल 6 ही काम कर रही हैं, बाकी 20 लाइटें कई महीनों से खराब पड़ी हैं। क्षेत्र पंचायत सदस्य अंकुर चौधरी ने इस समस्या को हल कराने के लिए कई बार ठेकेदार, खंड विकास अधिकारी, और ब्लॉक प्रमुख को पत्र लिखे, लेकिन उनकी शिकायतें अनसुनी कर दी गईं। अंकुर चौधरी का आरोप है कि अधिकारी इस गंभीर समस्या को नजरअंदाज कर रहे हैं, जिससे गांव में अंधेरा बना हुआ है और चोरियां हो रही हैं।

चौधरी ने यह भी बताया कि अगर स्ट्रीट लाइटें ठीक होतीं, तो चोरियों की संख्या में कमी आ सकती थी। लेकिन, प्रशासन की उदासीनता और ठेकेदारों की मनमानी के कारण गांव की स्थिति बदतर होती जा रही है।

बदले हुए तेवर और विकास कार्यों में भ्रष्टाचार

रामनगर के ब्लॉक प्रमुख के तेवर क्षेत्र पंचायत प्रमुख बनने के बाद से बदल गए हैं। चौधरी के अनुसार, प्रमुख ने अपने पद संभालने के बाद सभी क्षेत्र पंचायत सदस्यों से वादा किया था कि विकास कार्य उनकी अनुमति के अनुसार ही किए जाएंगे। लेकिन अब प्रमुख अपने वादों से मुकर रहे हैं। क्षेत्र पंचायत सदस्य को बिना किसी सूचना के ही विकास कार्य किए जा रहे हैं, जिससे भ्रष्टाचार की संभावनाएं बढ़ गई हैं। चौधरी का कहना है कि अगर उन्हें जानकारी दी गई होती, तो स्ट्रीट लाइटें सही ढंग से लगाई जातीं और आज गांव रोशनी में नहाता होता।

शासन से जांच और कार्रवाई की मांग

अंकुर चौधरी ने मांग की है कि ग्राम पंचायत में लगी स्ट्रीट लाइटों की जांच कराई जाए और जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में सरकारी धन का दुरुपयोग न हो। उन्होंने यह भी कहा कि ठेकेदारों की मनमानी पर लगाम लगाई जानी चाहिए, ताकि विकास कार्य सही ढंग से हो सकें।

प्रशासन की चुप्पी और गांव का भविष्य

रामनगर की स्ट्रीट लाइटों की खराबी न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि यह भी सवाल खड़ा करती है कि क्या जिला प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेकर आवश्यक कदम उठाएगा? या फिर यह मामला यूं ही अनदेखी का शिकार बनकर रह जाएगा? अब देखना यह है कि क्या गांव को अंधेरे से मुक्ति मिलेगी या यह समस्या और भी जटिल होती जाएगी।

इस मामले पर जिला प्रशासन की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है, क्योंकि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो इसका प्रभाव अन्य विकास कार्यों पर भी पड़ सकता है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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