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आगरा

आधी रात को 112 पर महिला ने फोन किया, ‘मैं रेलवे स्‍टेशन के बाहर अंधेरे में अकेली खड़ी हूं, डर लग रहा…’, पुलिस के तोते क्यों उड़े ❓

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ब्रजकिशोर सिंह की रिपोर्ट

शुक्रवार की देर रात, आगरा कैंट रेलवे स्टेशन के बाहर एक महिला, ब्लैक पेंट और वाइट शर्ट पहने नजर आई। माहौल सुनसान था और रास्ते खाली। इस महिला ने 112 नंबर पर फोन किया और पुलिस से मदद मांगी। उसने बताया, “मैं आगरा आई हुई हूं। रात का समय है और रास्ते सुनसान हैं। मुझे डर लग रहा है और घबराहट हो रही है। कृपया मदद करें।”

पर यह महिला कोई आम महिला नहीं थी, बल्कि एसीपी (सहायक पुलिस आयुक्त) डॉक्टर सुकन्या शर्मा थीं, जो आगरा पुलिस में पदस्थ हैं। महिलाओं की सुरक्षा और पर्यटकों के साथ होने वाली ठगी की घटनाओं को परखने के लिए उन्होंने खुद को एक आम महिला पर्यटक के रूप में पेश किया। रात के अंधेरे में आगरा की सड़कों पर पुलिस की कार्यप्रणाली का मूल्यांकन करने के लिए एसीपी सुकन्या ने यह कदम उठाया था।

पुलिस ने कैसे की ‘महिला पर्यटक’ की मदद?

112 पर कॉल करने के बाद एसीपी सुकन्या को पुलिस ने तुरंत मदद का आश्वासन दिया। तीन मिनट तक फोन पर उनकी स्थिति के बारे में जानकारी ली गई और उन्हें सुरक्षित स्थान पर खड़े रहने की सलाह दी गई। इसके बाद, पिंक पीआरवी (पुलिस रेस्पांस व्हीकल) से उन्हें कॉल आया और महिला पुलिस उन्हें सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने के लिए पहुंचने लगी। 

एसीपी सुकन्या ने बाद में अपनी पहचान बताई और इस प्रक्रिया को जांचने का उद्देश्य बताया। इस रियलिटी चेक में 112 नंबर की सेवा ने अच्छा प्रदर्शन किया और समय पर मदद पहुंचाई।

ऑटो ड्राइवर भी जांच में पास

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एसीपी सुकन्या का अगला कदम था, महिला सुरक्षा ऑटो की जांच। इसके लिए उन्होंने एक ऑटो रिक्शा लिया और बिना अपनी पहचान बताए ड्राइवर से सफर किया। ऑटो ड्राइवर ने बिना किसी हिचकिचाहट के उन्हें उनके बताए हुए पते तक सुरक्षित पहुंचाया। 

सफर के दौरान एसीपी सुकन्या ने ड्राइवर से बातचीत की और महिला सुरक्षा ऑटो के बारे में जानकारी ली। ड्राइवर ने बताया कि पुलिस ने उनका सत्यापन किया है और जल्द ही उन्हें वर्दी और विशेष पहचान नंबर के साथ ऑटो चलाने की अनुमति दी जाएगी।

इस पड़ताल में भी ड्राइवर ने ईमानदारी से काम किया और पुलिस द्वारा शुरू की गई सुरक्षा पहल को सही तरीके से प्रस्तुत किया। पहले दिन की जांच में पुलिस और ड्राइवर दोनों ने सकारात्मक परिणाम दिए।

जमीनी हकीकत का रियलिटी चेक

कई बार पुलिस अधिकारियों को वास्तविक स्थिति जानने के लिए खुद भी आम नागरिक की तरह काम करना पड़ता है। यह जमीनी हकीकत जानने का सबसे प्रभावी तरीका है। जब पुलिस अधिकारी खुद सड़कों पर उतरते हैं और बिना अपनी पहचान बताए हालात का मुआयना करते हैं, तब उन्हें सही तस्वीर मिलती है। इस तरह की जांचें पुलिस की कार्यप्रणाली और आम जनता के प्रति उनके व्यवहार को बेहतर करने में मदद करती हैं।

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अगर पुलिस और प्रशासन पूरी ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का पालन करें, तो समाज में सुरक्षा और व्यवस्था बेहतर हो सकती है। एसीपी सुकन्या का यह प्रयास महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और पर्यटकों को किसी भी प्रकार की ठगी से बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसे सराहा जाना चाहिए।

एसीपी सुकन्या शर्मा द्वारा किए गए इस रियलिटी चेक ने यह साबित किया कि आगरा पुलिस महिलाओं की सुरक्षा और पर्यटकों की मदद के प्रति गंभीर है। इस प्रकार की नियमित जांचों से पुलिस की विश्वसनीयता और कार्यप्रणाली में सुधार हो सकता है। 

यह पहल न केवल पुलिस अधिकारियों को जमीनी सच्चाई से अवगत कराती है, बल्कि आम जनता के लिए भी यह एक सकारात्मक संदेश देती है कि उनकी सुरक्षा के प्रति प्रशासन सतर्क है।

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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