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लखनऊ

उत्तर प्रदेश में डकैती और एनकाउंटर पर पुलिस का रुख साफ, समाजवादी पार्टी और पुलिस के बीच टकराव

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चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में हाल ही में हुए अपराध और पुलिस एनकाउंटर को लेकर मचे राजनीतिक बवाल के बीच राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने गुरुवार को अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि अपराधियों की कोई जाति नहीं होती और पुलिस अपनी कार्रवाई परिस्थितियों के आधार पर करती है। पुलिस अपराधियों को निशाना नहीं बनाती, बल्कि उन्हें गिरफ्तार करती है, घायल करती है या परिस्थितियों में मुठभेड़ होती है। डीजीपी, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश और एडीजी जोन लखनऊ एसबी शिरडकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस विषय पर पुलिस का पक्ष रखा।

सुल्तानपुर डकैती कांड और एनकाउंटर

प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुल्तानपुर डकैती कांड के सबूत भी पेश किए गए। 28 अगस्त को सुल्तानपुर के एक ज्वैलरी शॉप में डकैती हुई थी, जिसमें 12 से अधिक लोग शामिल थे। पुलिस ने इस घटना के सिलसिले में मंगेश यादव का एनकाउंटर किया, जिसके बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे जातिगत रंग दे दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि यादव जाति को निशाना बनाया गया है। इस पर राजनीतिक बहस छिड़ गई।

पुलिस की निष्पक्षता का दावा

डीजीपी ने कहा कि पुलिस ने सुल्तानपुर ज्वैलरी शॉप डकैती की गहन जांच के बाद ही कार्रवाई की है। उनका दावा है कि यह कार्रवाई पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी रही। पुलिस का कहना है कि फैलाई जा रही अफवाहें गलत हैं और पुलिस ने सभी सबूतों के आधार पर मंगेश यादव के खिलाफ कदम उठाया। पुलिस ने मंगेश यादव की संलिप्तता के सबूत के तौर पर सीसीटीवी फुटेज, तस्वीरें और मंगेश की मां और बहनों का बयान भी जारी किया।

मंगेश यादव की संलिप्तता

पुलिस के अनुसार, मंगेश यादव का इस डकैती में प्रत्यक्ष रूप से हाथ था। 28 अगस्त को सुल्तानपुर में भरत ज्वैलर्स के यहां हुई डकैती के दौरान मंगेश दुकान के अंदर मौजूद था। घटना में शामिल बाइक जौनपुर से चोरी की गई थी और इसमें मंगेश का भी हाथ था। पुलिस ने दावा किया कि इस डकैती की प्लानिंग काफी पहले से हो रही थी और घटना को अंजाम देने के लिए दो समूहों में बदमाश मौके पर पहुंचे थे।

राजनीतिक विवाद और सपा का रुख

मंगेश यादव के एनकाउंटर के बाद समाजवादी पार्टी ने पुलिस पर जातिवादी होने का आरोप लगाया, जिससे राजनीतिक विवाद बढ़ गया। अखिलेश यादव ने कहा कि यादव जाति को निशाना बनाया जा रहा है, जबकि पुलिस ने साफ किया कि अपराधी की कोई जाति नहीं होती और मंगेश यादव के खिलाफ ठोस सबूत थे। पुलिस ने यह भी आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी हमेशा अपराधियों का समर्थन करती है और पीड़ितों के बारे में कोई बयान नहीं देती।

संत समाज की नाराजगी

अखिलेश यादव द्वारा दिए गए बयान पर संत समाज ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी। अयोध्या के संत रामविलास वेदांती और महंत राजकुमार दास ने कहा कि अखिलेश का बयान संतों के प्रति उनकी मानसिकता को दर्शाता है। महंत दिनेंद्र दास ने भी कहा कि अखिलेश यादव को संतों और मठाधीशों के बीच का फर्क समझ में नहीं आता और उनका यह बयान संत समाज का अपमान है।

इस पूरे मामले ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में उथल-पुथल मचा दी है। एक ओर पुलिस अपनी कार्रवाई को सही ठहरा रही है, वहीं विपक्ष इसे जातिगत रंग दे रहा है।

संत समाज और पुलिस के बयानों से साफ है कि इस घटना ने राज्य की राजनीति और सामाजिक ताने-बाने को प्रभावित किया है।

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हटो व्योम के मेघ पंथ से स्वर्ग लूटने हम आते हैं

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