दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
तीन साल की मोहब्बत और एक-दूसरे के साथ जीने-मरने की कसमें। कभी उसकी अदाओं पर लट्टू तो कभी उसकी मुस्कुराहट पर फिदा। एक-दूसरे के हाथों में हाथ और वो प्यार भरी बातें… दोनों की जिंदगी में जैसे बहारों का मौसम था। दोनों के प्यार के चर्चे भी फिजाओं में घुलने लगे थे।
फिर ऐसा क्या हुआ कि अपने जिस आशिक से उसे इस कदर मोहब्बत मिलती थी, वो उसी के खून की प्यासी हो गई? जिस चेहरे में उसे कल तक अपनी जिंदगी की सारी खुशियां नजर आती थीं, उसने उसी चेहरे को बर्बाद करने की कसम खा ली। देश की राजधानी दिल्ली की ये कहानी रोंगटे खड़े करने वाली है।
यह घटना 19 जून की है। समय था शाम के लगभग 6 बजे और स्थान था दिल्ली का रनहोला विहार इलाका। ओंकार नाम का एक शख्स अपने स्कूटर पर घर लौट रहा था, तभी अचानक तीन लोग एक बाइक पर सवार होकर आते हैं और ओंकार पर पीछे से चाकू से हमला कर देते हैं। हमले के बाद वे तीनों फरार हो जाते हैं।
खून से लथपथ ओंकार किसी तरह दिल्ली पुलिस को फोन करता है और अपने ऊपर हुए हमले की जानकारी देता है। पुलिस तुरंत मौके पर पहुंचकर ओंकार को अस्पताल पहुंचाती है और मामले की जांच शुरू कर देती है। हमलावरों ने कोई सबूत नहीं छोड़ा था, जिससे मामले की जांच और भी कठिन हो जाती है।
हमलावरों की पहचान के लिए सबसे पहले ओंकार के मोबाइल की तकनीकी मॉनिटरिंग की जाती है। हमलावरों का रूट मैप तैयार किया जाता है, जिससे एक आरोपी की लोकेशन द्वारका मोड़ के पास मिलती है।
पुलिस तुरंत एक जाल बिछाती है और विकास नाम के एक हमलावर को गिरफ्तार कर लेती है। पूछताछ के दौरान विकास बाकी दोनों आरोपियों रोहन और हर्ष उर्फ बाली के बारे में भी जानकारी देता है। लेकिन, जब विकास हमले के पीछे की असली कहानी बताता है तो पुलिस के होश उड़ जाते हैं।
विकास से पूछताछ में पता चलता है कि इस हमले की मास्टरमाइंड कोई और नहीं बल्कि ओंकार की प्रेमिका निखत है। निखत ने ही विकास और उसके साथियों को ओंकार पर हमला करने की सुपारी दी थी।
वह केवल हमला ही नहीं, बल्कि ओंकार के चेहरे पर तेजाब डालकर उसे बर्बाद करने की योजना बना रही थी। पुलिस तुरंत निखत के घर पहुंचती है और उसे गिरफ्तार कर लेती है।
अब सवाल उठता है कि आखिर निखत अपने प्रेमी ओंकार की जान की दुश्मन क्यों बन गई? इस सवाल का जवाब खुद निखत देती है। निखत बताती है कि ओंकार के साथ उसका रिश्ता खराब हो चुका था।
ओंकार उसे धोखा दे रहा था और किसी और से प्यार करने लगा था। निखत इस धोखे से बुरी तरह आहत हुई और उसने बदला लेने का फैसला किया। इसी गुस्से और नफरत में आकर उसने ओंकार पर हमला करने की साजिश रची।
पति से विवाद और ओंकार से निखत की दोस्ती
निखत और ओंकार एक ही जगह पर ग्राफिक डिजाइनर के तौर पर काम करते थे। निखत शादीशुदा थी, लेकिन अपने पति के साथ विवाद होने के कारण वह अलग रहती थी। तीन साल पहले निखत की मुलाकात ओंकार से हुई और धीरे-धीरे दोनों के बीच दोस्ती गहरी होती गई। दोनों एक-दूसरे के बहुत करीब आ गए और उनकी जिंदगी में सब कुछ सही चल रहा था।
लेकिन एक दिन निखत को पता चला कि ओंकार ने किसी दूसरी लड़की से सगाई कर ली है। इस खबर ने निखत को हिला कर रख दिया। उसने जब इस बारे में ओंकार से बात की और विरोध किया तो ओंकार ने उसे धमकी दी। उसने कहा कि अगर निखत उसके रास्ते में आई तो वह उन सभी पर्सनल तस्वीरों और वीडियो को सोशल मीडिया पर डाल देगा, जिनमें वे दोनों साथ हैं। इस धमकी ने निखत को और भी परेशान कर दिया।
निखत ने अपने हाथों से दी तेजाब की बोतल
यहीं से निखत ने तय कर लिया कि अगर ओंकार उसका नहीं हो सकता, तो वह उसे किसी और का भी नहीं होने देगी। निखत को अपने एक दोस्त के जरिए विकास के बारे में पता चला, जो पैसे लेकर इस तरह के काम करता था। उसने विकास से संपर्क किया और 30 हजार रुपए में ओंकार पर हमले की सुपारी तय की।
हमले की योजना के तहत, निखत ने खुद अपने हाथों से तेजाब की बोतल विकास को दी। हालांकि, किसी कारणवश विकास और उसके साथी तेजाब से ओंकार पर हमला नहीं कर पाए। इसके बजाय, उन्होंने चाकू मारकर ओंकार को घायल कर दिया।
हमले के बाद, पुलिस ने विकास को गिरफ्तार कर लिया और पूछताछ में उसने निखत के नाम का खुलासा किया। पुलिस ने निखत को भी गिरफ्तार कर लिया और अब वे बाकी दोनों हमलावरों, रोहन और हर्ष उर्फ बाली, की तलाश में जुटी है।
इस मामले ने सबको चौंका दिया है और यह कहानी प्यार, धोखा और बदले की भावना की एक दर्दनाक दास्तान बन गई है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."