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November 22, 2024 5:32 pm

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चुनाव लड़ने की ऐसी जिद…99 वीं चुनाव लड़ रहे हैं, अब तक एक बार भी नहीं जीते

14 पाठकों ने अब तक पढा

चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

Lok Sabha Election 2024: आगरा के 78 वर्षीय हसनुराम अंबेडकरी फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट से 99 वीं चुनाव लड़ रहे हैं। 1985 में उन्होंने अपना पहला चुनाव लड़ा, लेकिन वो जीत नहीं पाए। 98 प्रयासों में हार का सामना करने के बावजूद अंबेडकरी ने चुनावी अखाड़े में अपनी किस्मत आजमाना जारी रखा है। इस बार उन्हें फतेहपुर सीकरी से शतक के करीब पहुंचने की उम्मीद थी, लेकिन इस सीट से उनका नामांकन खारिज कर दिया गया। ऐसे में अब वह इस चुनाव में नहीं लड़ पाएंगे।

अंबेडकरी ने कहा, ‘‘मैंने 1985 से ग्राम प्रधान, राज्य विधानसभा, ग्राम पंचायत, एमएलए, एमएलसी और लोकसभा के लिए चुनाव लड़ा है। मैंने भारत के राष्ट्रपति पद के लिए भी अपनी उम्मीदवारी दाखिल की थी लेकिन वह खारिज कर दी गई।” लगातार निर्दलीय चुनाव लड़ने और हारने के जुनून ने प्रसिद्ध काका जोगिंदर सिंह ‘धरती पकड़’ के बाद उन्हें भी ‘धरती पकड़’ का हिंदी उपनाम दिया।

अमीन की नौकरी छोड़ राजनीति में की एंट्री

जोगिंदर सिंह ने 300 से अधिक चुनाव लड़े थे, जिनमें राष्ट्रपति चुनाव भी शामिल है। जब अंबेडकरी से पूछा गया कि किस बात ने उन्हें लगातार चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित किया तो उन्होंने कहा, ‘‘मैंने वर्ष 1984 के अंत में आगरा तहसील में ‘अमीन’ की अपनी नौकरी छोड़ दी क्योंकि बसपा ने मुझसे खेरागढ़ सीट से चुनाव लड़ने के लिए टिकट देने का वादा किया था।” उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन बाद में क्षेत्र में पार्टी के तत्कालीन संयोजक ने मुझे टिकट देने से इनकार कर दिया और उन्होंने मेरा मजाक उड़ाया ‘तुम्हें तुम्हारी बीवी भी वोट नहीं देगी, तो और कोई तुम्हें क्या वोट देगा?”

अंबेडकरी ने कहा, “अपमान का बदला लेने के लिए मैं इस सीट से चुनाव लड़ा और चुनाव परिणाम में तीसरा स्थान हासिल किया। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने यह साबित करने के लिए और अधिक चुनाव लड़ने की योजना बनाई कि मुझे भी लोगों से वोट मिल सकते हैं।”

100 बार चुनाव लड़ना चाहते हैं अंबेडकरी

चुनाव के प्रति उनके जुनून को देखते हुए अंबेडकरी का परिवार उनके साथ खड़ा है। एक क्लर्क और मनरेगा मजदूर के रूप में अपना जीवन यापन करने वाले अंबेडकरी कहते है, “चुनाव लड़ना मेरा जुनून है और मैं इसे अपने खर्च पर पूरा करता हूं। मैं किसी से धन की मदद नहीं लेता। मैं जानता हूं कि मैं जीत नहीं पाऊंगा, लेकिन यह मुझे चुनाव लड़ने से नहीं रोक सकता।”

उन्होंने कहा, “मेरा लक्ष्य 100वीं बार चुनाव लड़ना है और मैं यह भी जानता हूं कि मेरी उम्र बढ़ रही है, लेकिन मैं अपना लक्ष्य हासिल कर लूंगा।”

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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