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देवरिया

कंस वध और कृष्ण-रुक्मिणी विवाह सुन भावविभोर हुए श्रोता

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इरफान अली लारी की रिपोर्ट

सलेमपुर। नगर पंचायत कार्यालय के समीप चल रहे सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा के छठवें दिन कथा वाचक आचार्य श्याम बिहारी चतुर्वेदी ने श्रोताओं को कंस का वध व रुकमणी विवाह का कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि धरती पर जब पाप अधिक बढ़ जाता है तो भगवान किसी ना किसी रूप में धरती पर जन्म लेकर पाप का सर्वनाश कर देते हैं।

कथा वाचक आचार्य श्याम बिहारी चतुर्वेदी ने कहा कि मनुष्य को किसी के साथ अन्याय नहीं करना चाहिए, क्योंकि अन्याय कर वह कुछ क्षणों के लिए तो खुश रह सकता है, लेकिन उसके बाद उसके कर्म का फल भोगना पड़ता है। इस दौरान उन्हाेंने कथा में कंस वध सुनाया।

उन्होंने बताया कि श्री कृष्ण भगवान नंदगांव छोड़कर मथुरा अपने मामा कंस के यहां पहुंचे और वहां जाकर उन्होंने कंस का वध करने के बाद अपने माता-पिता देवकी व वासुदेव को बंधन मुक्त कराया। इसके पश्चात भगवान का द्वारका में प्रवेश हुआ, जहां पर उन्होंने रुक्मणी से विवाह रचाया।

इस दौरान सभासद अशोक गुप्ता, नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीराम यादव, अखिलेश पांडेय, अतुल श्रीवास्तव, डॉ. पीके दूबे, सतीश, धनंजय वरनवाल, राजन यादव, राकेश श्रीवास्तव, अजय दूबे वत्स, बृजेश, शलभ जायसवाल, आशा देवी, पार्वती देवी, सुनीता श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।

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Author:

Kamlesh Kumar Chaudhary

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