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November 23, 2024 9:42 am

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कलम की कराहती आवाज कब तक अनसुना करेगा प्रशासन…. पत्रकार हुए लामबद्ध

15 पाठकों ने अब तक पढा

आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट

बांदा। मारपीट और लूट के शिकार पीड़ित पत्रकारों को जिला प्रसाशन ने जाँच के नाम बीस दिन से टहला रहा है। पुलिस ने अभी तक पीड़ित पत्रकारों के प्रति कोई कार्यवाही नही की है।

लूट और मारपीट से भयभीत पत्रकार दहसत में है। डर है कि बरियारी खदान मालिक के कहने पर उसका खदान संचालक शैलेन्द्र यादव अपने असलहाधारी लठेत गुर्गाे से हत्या करा सकता है। खदान मालिक के गुर्गे जिला मुख्यालय में कुछ लोगों के साथ समाचार पत्रों के कार्यालय आसपास चक्कर लगाते देखे गये है।

पीड़ित पत्रकार इसकी जानकारी निर्वाचन आयोग दिल्ली, प्रधानमंत्री कार्यालय दिल्ली और ग्रह मंत्रालय दिल्ली को देंगे। जनपद के गिरवां थाना के अंतर्गत बरियारी खदान लोगों ने पत्रकारों के साथ मारपीट करके पूरा समान लूट लिया था मुकामी पुलिस ने पहुंचकर पत्रकारों की जान बचायी थी।
मामला जनपद के सीनियर पत्रकारो का है जो विगत 29 फरवरी को कबरेज के दौरान बरियारी गांव गये हुये थे।

बरियारी गांव के ही बाहर बालू खदान बरियारी खदान के गुर्गों को लगा कि पत्रकार खदान के कबरेज के लिए जा रहे हैं जिसकी सूचना खदान मालिक को गुर्गों ने दी।

उनके कहने पर खदान संचालक शैलेन्द्र यादव व कुछ लठैत असलहाधारियो के साथ आकर पत्रकार मनोज गुप्ता, दीपक, रोहित और बालेन्द्र तिवारी के साथ मारपीट की और खबरों के लिये लिये हुये तमाम यंत्रों को व इनका सामान लूटकर ले गये। खदान माफियाओ ने इन सभी पत्रकारो के वाहनो को पंचर भी कर दिया था जिससे यह भाग न पाये। पत्रकारो को घसीटकर खदान लिये जा रहे थे।

गांव वालों की आवाज सुनकर लूटा हुआ सामान लेकर भाग गये। तभी सभी पत्रकारों ने क्षेत्राधिकारी नरैनी को सूचित किया। उनके अनुसार 112 को फोन किया गया और मौके पर क्षेत्रीय चौकी इंचार्ज पहुंच गये। तभी सभी पत्रकारो की जान बची। मौके पर पहुची पुलिस ने खदान में अपराधियों से लूटा हुआ माल बरामद किया। पत्रकारो ने बताया कि यह अपराधी हैं लेकिन मौके पर कोई कार्यवाही नही हुई।

लगभग 2 किमी अपने वाहनो को घसीटते हुये पत्रकारों ने गाडी बनवाई और उसी दिन 29 फरवरी को क्षेत्रीय थाने में तहरीर दिया और मुख्यालय आकर 1 मार्च को अपर पुलिस अधीक्षक से लिखित शिकायत की। एएसपी ने मामले की जांच नरैनी क्षेत्राधिकारी अम्बुजा त्रिवेदी को दे दी। सात दिन का समय मांगा।

जब जांच रिपोर्ट नहीं आयी तो सभी पत्रकारो ने 12 मार्च को पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल से न्याय की गुहार लगाई। एसपी ने भी तीन दिन के अन्दर जांच रिपोर्ट सीओ नरैनी से मांगी। लेकिन अभी तक पीडित पत्रकारो के साथ पुलिस प्रशासन ने हुई घटना का संज्ञान नहीं लिया है।

वही माफियाओ से डरे सहमे पत्रकारों ने बताया कि जल्द ही इसकी जानकारी निर्वाचन आयोग, प्रधानमंत्री कार्यालय और गृह मंत्रालय को देंगे।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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