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November 23, 2024 2:02 am

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शान से रचाई शादी और अब राइफल रानी अपने गैंगस्टर पिया को जेल से कराएगी बाहर… लेकिन कैसे? पढिए इस खबर को

17 पाठकों ने अब तक पढा

इरफान अली लारी की रिपोर्ट

मैडम मिंज, लेडी डॉन और रिवॉल्वर रानी के नाम से जानी जाने वाली अनुराधा चौधरी अब कुख्यात गैंगस्टर संदीप उर्फ काला जठेड़ी की पत्नी बन चुकी है। मंगलवार को मेहमानों से कहीं ज्यादा, पुलिसवालों की मौजूदगी में हुई इस शादी में दोनों ने सात फेरे लिए। सिक्योरिटी ऐसी थी कि बैंक्वेट हॉल के अंदर आने वाले एक-एक मेहमान को उसकी पहचान होने और तलाशी के बाद ही अंदर जाने दिया गया। शादी के लिए काला जठेड़ी को केवल 6 घंटे की कस्टडी परौल मिली थी, इसलिए सारी रस्में सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे के बीच निपटाकर उसे वापस जेल भेज दिया गया। वहीं, उसकी पत्नी अनुराधा भी अब नए मिशन पर जुट गई है।

बुलेटप्रूफ जैकेट पहने पुलिसवाले, गेट पर दो-दो मेटल डिटेक्टर और अंदर जाने वाले हर शख्स की चेकिंग…। सिक्योरिटी के ऐसे तगड़े इंतजाम के बीच गैंगस्टर संदीप उर्फ काला जठेड़ी ने अपनी प्रेमिका और लेडी डॉन के नाम से कुख्यात अनुराधा चौधरी से मंगलवार को शादी की। शादी के लिए अनुराधा सुबह 9:30 बजे ही बैंक्वेट हॉल पहुंच गई थी। जबकि, काला जठेड़ी को पुलिस वैन में लाया गया। इसके बाद शुरू हुईं शादी की रस्में और ठीक 3:30 बजे पुलिस काला जठेड़ी को उसी वैन में लेकर वापस तिहाड़ जेल के लिए निकल गई। शादी के दौरान काला जठेड़ी ने जब अपनी मां से आशीर्वाद लिया तो साथ में उन्हें एक वचन भी दिया।

‘बेटे की शादी हो गई, अब खुश हूं’

पुलिस की जबरदस्त सिक्योरिटी के बीच काला जठेड़ी और अनुराधा ने एक दूसरे को वरमाला पहनाई। कुछ देर के फोटो सेशन के बाद फेरों की रस्म पूरी हुई और दोनों ने परिवार के बड़ों से आशीर्वाद लिया। शादी के बाद काला जठेड़ी की मां कमला ने बताया कि उसके बेटे ने उसे एक वचन दिया है। उन्होंने बताया, ‘बेटे की शादी हो गई, अब मैं खुश हूं। उसने मुझसे कहा है कि मां सबकुछ ठीक है। वचन देता हूं कि आगे से कोई गलत काम नहीं करूंगा।’ वहीं, काला जठेड़ी की चाची सरोज ने अनुराधा को लेकर कहा, ‘बहुत पढ़ी-लिखी और अच्छे व्यवहार वाली बहू आई है। अनुराधा वापस समाज में लौटने के लिए काफी मेहनत कर रही है।’

चचेरे भाई को भी नहीं मिली शादी में एंट्री

परिवार के बाकी लोग भी शादी के दौरान काफी खुश नजर आए। हालांकि, सिक्योरिटी इंतजाम के चलते परिवार के कुछ लोग ऐसे भी थे, जिन्हें बैंक्वेट हॉल में एंट्री ही नहीं मिल पाई। काला जठेड़ी के चचेरे भाई सूर्या झांझरिया और उनकी मां का नाम पुलिस के पास मौजूद मेहमानों की लिस्ट में नहीं था। सूर्या जब बैंक्वेट हॉल पहुंचे, तो काला जठेड़ी पहले ही अंदर जा चुका था, ऐसे में पुलिस ने सूर्या को शादी में एंट्री नहीं दी। सूर्या ने बताया, ‘मेरे भाई की शादी हो रही है। कभी-कभी हालात ऐसे बन जाते हैं, जो लोगों को कुछ कदम उठाने के लिए मजबूर कर देते हैं।’

शादी हुई, लेकिन गांव नहीं जाए दूल्हा-दुल्हन

कोर्ट से काला जठेड़ी को शादी के लिए 6 घंटे की कस्टडी परौल मिली थी और उसी के मुताबिक पुलिस ने तय समय में सारी रस्में पूरी कराईं। अगले दिन यानी आज काला जठेड़ी अपनी पत्नी अनुराधा के साथ गृह प्रवेश के लिए जठेड़ी गांव जाने वाला था, लेकिन कोर्ट ने उसकी परौल रद्द कर दी। दरअसल, काला जठेड़ी को कोर्ट से गृह प्रवेश के लिए 2 घंटे की परौल मिली थी। लेकिन, हरियाणा पुलिस ने कोर्ट में दलील दी कि कानून व्यवस्था के चलते उसे परौल नहीं मिलनी चाहिए। इसके बाद कोर्ट ने अपना आदेश वापस ले लिया और इस मामले की अगली सुनवाई अब 16 मार्च को होगी।

कैसी थी बैंक्वेट हॉल की सुरक्षा?

पूरी शादी में अनुराधा के साथ बुलेटप्रूफ जैकेट पहने और मशीन गन लिए एक महिला कमांडो थी। इसी तरह, काला जठेड़ी को क्राइम ब्रांच और स्पेशल सेल के पुलिसवालों की एक टीम घेरे हुए थी। काला जठेड़ी के दुश्मन गैंग शादी की भीड़ का फायदा ना उठा सकें, इसके लिए छतों पर भी पुलिस की टीमें लगाई गईं थी। लिस्ट में मेहमानों का नाम देखकर ही अंदर जाने दिया गया और सभी के मोबाइल बाहर ही जमा करा लिए गए थे। इसके अलावा मीडियाकर्मियों को भी बिना कैमरे और मोबाइल के ही अंदर जाने दिया गया। पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि गैंगवार की आशंका के चलते किसी भी तरह का रिस्क नहीं लिया जा सकता।

काला जठेड़ी के केस खुद संभालेगी अनुराधा

दरअसल, अनुराधा चौधरी एलएलबी की पढ़ाई कर रही है, ताकि अपने पति काला जठेड़ी को जेल से बाहर निकलने में कानूनी सपोर्ट कर सके। माना जा रहा है कि आगे से अनुराधा खुद ही काला जठेड़ी के केस संभालेगी काला जठेड़ी की शादी में शामिल हुए अनुराधा के वकील एपी सिंह ने बताया कि बहुत जल्द वो एलएलबी की डिग्री हासिल कर लेगी। आपको बता दें कि अनुराधा के पास पहले से ही बीसीए और एमबीए की डिग्री भी है। अपराध की दुनिया में आने से पहले अनुराधा शेयर ट्रेडिंग के बिजनेस में भी थी, लेकिन धोखा मिलने के बाद उसका बिजनेस डूब गया।

काला जठेड़ी पर कितने केस दर्ज हैं

कभी मोस्ट वांटेड और 7 लाख का इनामी रहा काला जठेड़ी फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है और उसके ऊपर करीब दो दर्जन मुकदमे दर्ज हैं। इन मुकदमों में हत्या, हत्या की कोशिश, लूट, किडनैपिंग, फिरौती और आर्म्स एक्ट जैसे संगीन केस शामिल हैं। काला जठेड़ी को सबसे पहले साल 2004 में मोबाइल झपटमारी के मामले में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उसके गुनाहों की लिस्ट लंबी होती गई और 2020 आते-आते वो गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का खासमखास बन गया। दिल्ली और राजस्थान में इस लॉरेंस बिश्नोई गैंग की कमान उसी के हाथों में रही है। काला जठेड़ी एक बार पुलिस की गिरफ्त से भाग भी चुका है, जब उसे फरीदाबाद कोर्ट में पेशी के लिए ले जाया जा रहा था। उसके फरार होने की पूरी साजिश लॉरेंस बिश्नोई ने ही रची थी।

कैसे मिले थे अनुराधा और काला जठेड़ी

काला जठेड़ी से अनुराधा की पहली मुलाकात उस वक्त हुई थी, जब वो आनंदपाल गैंग को छोड़कर लॉरेंस बिश्नोई के गैंग मे शामिल हुई। फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाली और कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएट अनुराधा को लॉरेंस बिश्नोई ने एक खास जिम्मेदारी सौंपी। दरअसल, पुलिस काला जठेड़ी को डिजिटली ट्रैक करती थी। ऐसे में लॉरेंस बिश्नोई ने अनुराधा से कहा कि वो काला जठेड़ी को सिखाए कि कैसे वो इससे बच सकता है। इसके बाद काला जठेड़ी और अनुराधा उत्तराखंड के गढ़वाल चले गए और 9 महीने तक पुलिस की नजरों से बचे रहे। इसी दौरान दोनों के बीच नजदीकी भी बढ़ी। हरियाणा पुलिस के डोजियर के मुताबिक, अनुराधा और काला जठेड़ी साल 2020 में शादी भी कर चुके हैं, जिसे सीक्रेट रखा गया था।

अब जुर्म की दुनिया में नहीं लौटना चाहती अनुराधा

अनुराधा ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि अब वो अपने पति संदीप के साथ सामान्य जिंदगी बिताना चाहती है। उसने कहा कि जो बीत गया, वो उसका पास्ट था और मजबूरी में उसे ये रास्ता चुनना पड़ा था। अनुराधा ने बताया, ‘अगर पुलिस ने उस वक्त मेरी मदद की होती, तो मैं कभी जुर्म की दुनिया में नहीं आती। लेकिन, अब मैं कभी वापस उस दुनिया में नहीं लौटूंगी। संदीप भी गिरफ्तारी के बाद से इन कामों से दूर है और वो भी अब आम नागरिक की तरह जीना चाहता है। मैं अपना शेयर ट्रेडिंग की बिजनेस फिर से शुरू करूंगी।’

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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