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लखनऊ

भारत ही नहीं दुनिया की सबसे बड़ी फोर्स “यूपी पुलिस” कैसे है? पढिए पूरी खबर

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चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

लखनऊः उत्तर प्रदेश में पुलिस भर्ती की परीक्षा इन दिनों चर्चा में है। प्रदेश में कांस्टेबल के 60 हजार 244 पदों पर भर्ती के लिए तकरीबन 50 लाख लोगों ने परीक्षा दी। रेलवे स्टेशनों और बस स्टेशनों पर भयंकर भीड़ ने लोगों का ध्यान इस तरफ खींचा था कि कैसे प्रदेश में रोजगार के लिए उत्तर प्रदेश में दावेदारों के आंकड़े चिंताजनक स्तर पर हैं। 

हालांकि, उत्तर प्रदेश की पुलिस फोर्स से जुड़ना किसी के लिए भी गर्व की बात हो सकती है, क्योंकि, यूपी पुलिस को भारत ही नहीं दुनिया की सबसे बड़ी एकल फोर्स होने का गौरव प्राप्त है।

पुलिस फोर्स का इतिहास

बता दें कि देश की वर्तमान पुलिस प्रणाली 1861 के पुलिस ऐक्ट के परिणामस्वरूप बनी थी। यह ऐक्ट 1860 में एचएम कोर्ट की अगुवाई में गठित पुलिस आयोग की अनुशंसाओं के बाद बना था। कोर्ट ही तत्कालीन उत्तर पश्चिम प्रांत और अवध जो फिलहाल उत्तर प्रदेश का क्षेत्र है, के पहले पुलिस महानिरीक्षक भी बने थे। 

समय के साथ देश में सिविल पुलिस का विकास होता गया और देश की आज़ादी के बाद बीएन लाहिरी यूपी के पहले भारतीय पुलिस महानिरीक्षक बने। यूपी पुलिस को देश के पहले पुलिस बल के रूप में 13 नवंबर 1952 को तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की ओर से ‘कलर्स’ प्राप्त करने का गौरवपूर्ण सौभाग्य भी हासिल है।

क्या है यूपी पुलिस फोर्स का आकार

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तकरीबन 25 करोड़ से ज्यादा जनसंख्या के वाले उत्तर प्रदेश की पुलिस फोर्स दुनिया की सबसे बड़ी एकल पुलिस फोर्स है। उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक 75 जिलों में 33 सशस्त्र बटालियनों खुफिया, जांच, भ्रष्टाचार निरोधी, तकनीकी, प्रशिक्षण, अपराध विज्ञान इत्यादि से संबन्धित विशेषज्ञ प्रकोष्ठ और शाखाओं में फैले करीब 3.10 लाख कर्मियों के फोर्स की कमान संभालते हैं। यूपी पुलिस में वर्तमान संख्या (गैर-राजपत्रित रैंक) 3.3 लाख है, जिसमें 47,000 महिलाएं शामिल हैं।

यूपी पुलिस में भर्ती प्रक्रिया

उत्तर प्रदेश में अराजपत्रित रैंकों (पीएसी, अग्निशमन विभाग, नागरिक पुलिस सहित) में लगभग 65,000 पद खाली थे, इसलिए प्रदेश सरकार ने भर्ती का दौर शुरू किया था। पुलिस कॉन्स्टेबल की भर्ती के लिए प्रवेश परीक्षा के दो भाग होते हैं। एक में लिखित परीक्षा होती है और दूसरे में शारीरिक दक्षता परीक्षा। 

शारीरिक दक्षता में निर्धारित समय के भीतर पुरुषों को 4.8 किमी और महिलाओं को 3 किमी दौड़ना होता है। अर्हता प्राप्त करने के बाद कांस्टेबलों को बल में शामिल होने से पहले 6 महीने के प्रशिक्षण से गुजरना पड़ता है।

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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