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गोरखपुर

यहाँ मुर्दों का होता है इलाज…अस्पताल में सुसाशन का इतना बड़ा कोई और उदाहरण नहीं मिलेगा.. 

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इरफान अली लारी की रिपोर्ट

गोरखपुर। जिले के एक अस्पताल में मृत व्यक्ति का इलाज किए जाने का मामला सामने आया है। रामगढ़ ताल थाना क्षेत्र में बने यीशू अस्पताल में मुर्दे का इलाज किया जा रहा था, ताकि परिजनों से ज्यादा से ज्यादा पैसा वसूला जा सके। वेंटिलेटर पर लिटाकर मृत व्यक्ति का इलाज किए जाने के बाद अस्पातल प्रशासन ने पीड़ित परिवार को 60 हजार का बिल थमा दिया। 

अस्पताल की इस धांधली डीएम ने सख्ती दिखाई है। उनके निर्देश पर सिटी मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में अस्पताल को सील कर दिया गया। साथ ही 6 कर्मियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। 

मालूम हो कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में पहुंचाने के लिए एक गिरोह सक्रिय है। इसमें मेडिकल कालेज के कर्मचारी भी शामिल हैं। गिरोह के लोग अच्छे इलाज के नाम पर 15 से 25000 रुपये लेते हैं। अभी हाल ही में सीएम योगी आदित्यनाथ बीआरडी मेडिकल कॉलेज गए थे। इस मामले को लेकर उन्होंने सख्ती बरतने का निर्देश भी दिया था। 

अस्पतालों पर प्रशासन की सख्ती

शहर का प्रशासन अस्पतालों में इलाज के नाम पर हो रही लापरवाही पर सख्ती दिखाना शुरू कर दिया है। इसी बीच एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई को किसी ने सूचना दी की मेडिकल कॉलेज से एक रोगी को एंबुलेंस के जरिए पैडलेगंज स्थित यीशु अस्पताल भेजा जा रहा है। उन्होंने एक सिपाही को भेज कर घटना की जानकारी करवाई तो पता चला की बातें सही हैं। 

वेंटिलेटर पर शव रख किया जा रहा था इलाज

उन्होंने इसकी सूचना तत्काल डीएम कृष्णा करुणेश को दी। डीएम के निर्देश पर सीएमओ डॉक्टर आशुतोष दुबे, सिटी मजिस्ट्रेट मंगलेश दुबे पैडलेगंज स्थित अस्पताल पहुंचे। वहां पर कई मरीजों को बेहतर इलाज के नाम पर लाकर के भर्ती कराया गया था। इसमें से बिहार के भागलपुर के रहने वाले 60 वर्षीय शिवबालक की मौत हो चुकी थी। अस्पताल प्रबंधन प्रबंधन उन्हें वेंटिलेटर पर रख करके परिजनों से पैसा वसूल रहा था। 

अस्पताल को किया गया सील

इस स्थिति को देखकर के अधिकारियों ने तत्काल अन्य भर्ती मरीजों को बीआरडी मेडिकल कॉलेज भेजा। साथ ही यीशु अस्पताल को अधिकारियों ने सील कर दिया। वहां मौजूद कर्मचारियों से पूछताछ में जानकारी के आधार पर रामगढ़ थाना पुलिस ने अस्पताल के संचालक व रियांव गांव के प्रधान नितिन यादव, उसके भाई मोनू, बीआरडी मेडिकल कॉलेज के संविदा कर्मी दिनेश, डॉक्टर आरपी सिंह समेत 6 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। 

मरीज को लेकर हो चुकी फायरिंग

कई हिस्ट्रीशीटर ने भी पैसा लगाकर अस्पताल खोल लिया है। मरीज को लाने के लिए उनमें विवाद व फायरिंग भी हो चुकी है। बीते 29 जुलाई 2022 को एक हिस्ट्रीशीटर ने मरीज को भर्ती करने के विवाद में डीआईजी आवास के पास स्थित अस्पताल के सामने कई राउंड फायरिंग करके दहशत फैला दी थी। यही नहीं 26 अक्टूबर 2018 को हॉस्पिटल माफिया के बीच चल रहे विवाद के चलते कमिश्नर आवास के पास दो गुटों में फायरिंग हुई थी। इस मामले में कार्रवाई करते हुए कैंट थाना पुलिस ने कार्बाइन के साथ एक सफेदपोश को गिरफ्तार भी किया था। 

प्रशासन ने गिरोह पर लगाया अंकुश

इस संबंध में एसएसपी डॉक्टर गौरव ग्रोवर ने बताया कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज से मरीजों को निजी अस्पताल में भेजे जाने की घटना को गंभीरता से लिया गया है। पहले भी इस तरह के गिरोह पर अंकुश लगाया था। इधर फिर सक्रियता की सूचना मिली थी उसी के आधार पर हम लोग सतर्क थे।

जहां तक यीशु अस्पताल की बात है तो 6 लोगों को हिरासत में लिया गया है। सीएमओ से तहरीर मांगा गया है। सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। 

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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