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31 March 2025 7:07 am

अखिलेश कहना कुछ और चाहते हैं, लेकिन… गौशाला बयान पर बृजभूषण सिंह का पलटवार, सुनकर सपा समर्थक चौंक जाएंगे!

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“अखिलेश यादव के गौशाला वाले बयान पर बीजेपी नेता बृजभूषण सिंह ने किया करारा हमला। उन्होंने कहा कि अखिलेश कहना कुछ और चाहते हैं लेकिन बोल कुछ और रहे हैं। जानें पूरा मामला!”

उत्तर प्रदेश की राजनीति में समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव के बयान को लेकर जबरदस्त हलचल मची हुई है। कन्नौज में एक कार्यक्रम के दौरान अखिलेश यादव ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि

“बीजेपी को दुर्गंध पसंद है, इसलिए वह गौशालाएं बनवा रही है, जबकि समाजवादी पार्टी को खुशबू पसंद है, इसलिए उसने परफ्यूम पार्क बनवाए।”

बयान पर बीजेपी का तीखा पलटवार

अखिलेश यादव के इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने उन पर जमकर निशाना साधा। पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने उनकी टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा,

“अखिलेश यादव का बयान स्पष्ट नहीं है। दुर्गंध गाय से आती है या उसके गोबर से? मुझे लगता है कि वह कुछ और कहना चाहते हैं लेकिन कह कुछ और रहे हैं।”

इसके अलावा, उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने ट्विटर पर लिखा,

“अगर किसी किसान, खासकर ग्वाले के बेटे को गाय के गोबर से दुर्गंध आने लगे तो उसे समझ लेना चाहिए कि वह अपनी जड़ों और समाज से पूरी तरह कट चुका है। मुंशी प्रेमचंद ने लिखा था कि अगर किसी किसान के बेटे को गोबर से दुर्गंध आने लगे तो अकाल निश्चित है। सपा बहादुर अखिलेश यादव को भी गाय के गोबर से दुर्गंध आ रही है, उनकी पार्टी का बर्बाद होना तय है।”

यूपी में तेज हुई सियासी हलचल

इस बयान को लेकर यूपी की राजनीति में हलचल मची हुई है। बीजेपी इसे संस्कृति और परंपरा से जुड़ा मामला बता रही है, जबकि समाजवादी पार्टी अपने बयान पर कायम है। इससे पहले भी अखिलेश यादव परफ्यूम इंडस्ट्री को बढ़ावा देने की वकालत कर चुके हैं और बीजेपी पर तंज कसते रहे हैं।

राजनीतिक रणनीति के संकेत

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान यूपी की ग्रामिण बनाम शहरी राजनीति को हवा देने की कोशिश है। जहां एक ओर बीजेपी गौ रक्षा और परंपराओं को मुद्दा बना रही है, वहीं दूसरी ओर सपा परफ्यूम पार्क जैसे विकास परियोजनाओं पर जोर दे रही है।

अखिलेश यादव का यह बयान आगामी चुनावों से पहले राजनीतिक ध्रुवीकरण को तेज कर सकता है। अब देखना यह होगा कि इस बयान का जनता पर क्या प्रभाव पड़ता है और क्या यह आने वाले दिनों में चुनावी मुद्दा बनेगा।

➡️अब्दुल मोबीन सिद्दीकी की रिपोर्ट

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