पति की हत्या के मामलों में कोर्ट का क्या फैसला आता है? जानिए कुछ चर्चित केस, सजा के प्रावधान और मेरठ के सौरभ राजपूत हत्याकांड में मुस्कान रस्तोगी व साहिल शुक्ला को संभावित सजा।
पति-पत्नी का रिश्ता भरोसे और प्यार पर टिका होता है, लेकिन जब यह रिश्ता धोखे, साजिश और हत्या की काली गुफा में समा जाए, तो कानून का शिकंजा कसना तय होता है। हाल के वर्षों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां पत्नियों ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या कर दी और अदालत ने उन्हें कड़ी सजा सुनाई।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के 2023 के आंकड़ों के अनुसार, घरेलू हिंसा से जुड़े 81,063 मामले दर्ज हुए थे, जिनमें से कई मामलों में पत्नियों ने अपने ही पति की हत्या कर दी। हालांकि, इन मामलों में कितनी पत्नियों को सजा मिली, इसका सटीक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है।
चलिए, कुछ चर्चित मामलों पर नजर डालते हैं:
मुजफ्फरनगर की आमना बेगम: संपत्ति विवाद में पति की हत्या
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में 2017 में आमना बेगम ने अपने प्रेमी आरिफ के साथ मिलकर पति यासीन की हत्या कर दी। वजह थी संपत्ति का विवाद। आमना चाहती थी कि यासीन अपनी जायदाद उसके नाम कर दे, लेकिन जब उसने इनकार कर दिया, तो उसकी हत्या कर दी गई।
फैसला: 14 दिसंबर 2021 को कोर्ट ने आमना और आरिफ को आजीवन कारावास और 1-1 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
देहरादून की कोमल: प्रेमी संग मिलकर जहर देकर हत्या
देहरादून में कोमल ने अपने प्रेमी नीरज वर्मा के साथ मिलकर पति को जहर देकर मार डाला। पति उनके रिश्ते में बाधा बन रहा था, इसलिए उन्होंने यह घिनौनी साजिश रची।
फैसला: 10 मई 2024 को अदालत ने कोमल और नीरज को आजीवन कारावास और 25-25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
जींद की पूजा: प्रेम प्रसंग में हत्या
हरियाणा के जींद में पूजा ने अपने प्रेमी विक्रम के साथ मिलकर पति कर्मबीर की हत्या कर दी थी।
फैसला: 13 सितंबर 2022 को कोर्ट ने दोनों को आजीवन कारावास और 20-20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
बिजनौर की सोनी: 17 साल बाद मिली सजा
उत्तर प्रदेश के बिजनौर में 2007 में सोनी ने अपने प्रेमी गीतू (गीताराम) और उसके साथी हरिश्चंद्र के साथ मिलकर अपने पति तेजपाल सैनी की हत्या कर दी थी। हत्या के बाद शव को घर में ही दफना दिया गया था।
फैसला: 24 अक्टूबर 2024 को कोर्ट ने सोनी को आजीवन कारावास और 7 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
मथुरा की नीतू: शव के पास रातभर सोई, फिर झूठी कहानी बनाई
मथुरा में नीतू ने प्रेमी गौरव के साथ मिलकर पति सिकंदर की गला दबाकर हत्या कर दी। खुद को निर्दोष साबित करने के लिए वह पूरी रात शव के पास सोई और सुबह आत्महत्या की झूठी कहानी रच दी, लेकिन पुलिस की जांच में वह फंस गई।
फैसला: सजा की स्पष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन आमतौर पर ऐसे मामलों में आजीवन कारावास की सजा दी जाती है।
कानपुर की सपना पांडेय: दो प्रेमियों के साथ मिलकर पति को मारा
कानपुर की सपना पांडेय ने अपने प्रेमी राजकपूर गुप्ता को 3 लाख रुपये की सुपारी देकर पति ऋषभ तिवारी की हत्या करवाई। पहले चापड़ से हमला किया गया, लेकिन जब ऋषभ बच गया, तो उसे दवाओं का ओवरडोज देकर मारा गया।
फैसला: अभी स्पष्ट नहीं, लेकिन आजन्म कारावास संभव है।
क्या कहता है कानून?
भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103 (पहले IPC की धारा 302) के तहत हत्या के दोषी पाए जाने पर दो तरह की सजा दी जाती है:
आजीवन कारावास: ज्यादातर मामलों में यही सजा दी जाती है।
फांसी: अगर अपराध “रेयरेस्ट ऑफ रेयर” श्रेणी में आता है, तो फांसी की सजा दी जा सकती है।
मुस्कान रस्तोगी केस: क्या हो सकता है फैसला?
मेरठ के चर्चित सौरभ राजपूत हत्याकांड में मुस्कान रस्तोगी और साहिल शुक्ला पर हत्या का आरोप है। सौरभ को नशीली दवा देकर मारा गया, फिर शव के 15 टुकड़े करके ड्रम में सीमेंट भरकर छिपाया गया। यह अपराध “रेयरेस्ट ऑफ रेयर” श्रेणी में आ सकता है।
संभावित सजा:
आजीवन कारावास (ज्यादा संभावना)
फांसी (अगर कोर्ट इसे बेहद क्रूर मानती है)
पति की हत्या के अधिकतर मामलों में पत्नियों को आजीवन कारावास की सजा दी गई है। कुछ मामलों में अपराधियों पर भारी जुर्माना भी लगाया गया है। हालांकि, फांसी की सजा दुर्लभ है, लेकिन मुस्कान रस्तोगी केस में इसकी संभावना बन सकती है। अब देखना यह होगा कि कोर्ट इस पर क्या फैसला सुनाती है।
चुन्नीलाल प्रधान, अब्दुल मोबीन सिद्दीकी और ब्रजकिशोर सिंह की रिपोर्ट

Author: जगदंबा उपाध्याय, मुख्य व्यवसाय प्रभारी
जिद है दुनिया जीतने की