Explore

Search
Close this search box.

Search

12 April 2025 7:09 pm

मृत व्यक्ति ने किया दुष्कर्म….जी हां, यूपी पुलिस के कारनामे आपको दांतों तले उंगलियां दबाने को मजबूर कर देगी

80 पाठकों ने अब तक पढा

ठाकुर धर्म सिंह ब्रजवासी की रिपोर्ट 

मथुरा: उत्तर प्रदेश के मथुरा में एक ऐसा कारनामा मथुरा पुलिस का देखने और सुनने को मिला है जिसे सुनकर आप अपने दांतों तले उंगलियां दबा लेंगे। मथुरा पुलिस के इस कारनामे ने वर्दी के ऊपर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। पुलिस ने एक मर चुके व्यक्ति के ऊपर 354 जैसी धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया है। खुलासा तब हुआ जब मृतक के भाई ने उसका मृत्यु प्रमाण पत्र दिखाया। मृतक पर दर्ज मुकदमे को लेकर जब पुलिस के अधिकारियों से बात की गई तो कोई भीइस मामले पर बोलने को तैयार नहीं है।

मथुरा के शहर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत रहने वाले एक व्यक्ति के ऊपर पुलिस ने धारा 354 में मुकदमा दर्ज कर दिया, जिस व्यक्ति के ऊपर मुकदमा दर्ज किया गया वह व्यक्ति सालों पहले मर चुका है। इतना ही नहीं कई लोगों को जेल की हवा खाकर भी आना पड़ा। मृतक शंकर अग्रवाल के छोटे भाई हीरा अग्रवाल से उक्त मामले को लेकर बात की गई। उन्होंने बताया कि एक ट्रेन हादसे में बड़े भाई शंकर की 26 अक्टूबर 2017 को मौत हो गई। पुलिस ने बिना जांच किया 354 का मुकदमा 28 अक्टूबर 2018 को लिख दिया। पुलिस को जब साक्षी दिखाएं तो उन्हें फटकार कर भगा दिया।

मृतक के भाई ने लगाए गंभीर आरोप

उन्होंने कहा कि कथित पीड़िता पवन अग्रवाल की पत्नी है। मजिस्ट्रेट के सामने भी 164 के बयान में मृतक बड़े भाई शंकर को 354 का आरोपी ठहराया है। कोई मृतक व्यक्ति किसी महिला के साथ छेड़खानी मारपीट कैसे कर सकता है। मृतक के भाई ने बताया कि बेटा पवन अग्रवाल और उसके पिता राजेंद्र अग्रवाल धमकी देते हैं। किसी भी अधिकारी से जाकर मिल लो कोई भी अधिकारी हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता। हीरा अग्रवाल का आरोप है कि पवन अग्रवाल पुलिस थाने को 3 लाख रुपये महीने देने की बात कहकर धमकियां देता है।

ये बोले पीड़ित व्यापारी

हीरा अग्रवाल ने बताया कि पवन अग्रवाल और उसके पिता राजेंद्र अग्रवाल ने एक फर्जी कंपनी शुरू की। इसका नाम श्री कालिंद्री लॉटरी सेविंग स्कीम रखा गया। 1 हजार लोग इस लॉटरी में शामिल किए गए। करीब 12 लाख रुपए लॉटरी सिस्टम के जरिए पवन अग्रवाल और उसके पिता राजेंद्र अग्रवाल ने लिए। सभी व्यापारी 12 लाख रुपए की लेनदारी मांगने गए तो उनको ही लेनदारी भारी पड़ गई। व्यापारी हीरालाल के मुताबिक जब उन्होंने पवन और राजेंद्र से अपने रुपए लौटाने की बात कही, तो उन्होंने पवन की पत्नी से एक झूठा मुकदमा धारा 354 समेत कई संगीन धाराओं में दर्ज करा दिया।

इस मामले में न्यायिक अधिकारी को भी गुमराह किया गया और झूठी घटना से काफी पहले दिवंगत हुए हीरा लाल के बड़े भाई शंकर को घटना के मुख्य आरोपी में शामिल कर दिया। बताते है कि कथित घटना में पीड़िता ने न्यायायिक अधिकारी को दिए बयान में भी मृतक शंकर को आरोपी बताया है।

पीड़िता के द्वारा आईपीसी की धारा 147, 323, 354, 427, 452, 504, 506 में मुकदमा दर्ज कराया गया। व्यापारियों का कहना है कि पवन अग्रवाल की पत्नी ने कोर्ट को गुमराह किया है। बल्कि न्यायपालिका को एक मजाक बना दिया है।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."