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November 23, 2024 2:09 am

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पत्नी के लिए दिन रात फावड़ा चलाकर मजदूरी की, नौकरी लगते ही मालदार शख्स के साथ हुई फरार

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रघू यादव मस्तूरी की रिपोर्ट 

कोरबा: यूपी के ज्योति मौर्या का मामला काफी सुर्खियों में था. दावा है कि पति ने पढ़ा-लिखाकर अफसर बनाया। लेकिन एसडीम बनते ही वह पति को छोड़कर दूसरे के साथ चली गई। अब ऐसा ही मामला छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले से सामने आया है।

बता दें कि जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचे एक मजदूर पति ने अपनी शिक्षिका पत्नी पर नौकरी लगने के बाद गैर पुरुष से नाजायज संबंध रखने और मना करने पर उसे छोड़कर चले जाने का आरोप लगाया है। पति ने भी आलोक मौर्या और अर्जुन मौर्या की तरह अपनी पत्नी को काबिल बनाने अपनी जमा पूंजी लगाने की बात कर बेवफा पत्नी पर उचित कार्रवाई की मांग जिला शिक्षा अधिकारी से की है।

दो बेटियां, फिर भी छोड़कर चली गई पत्नी

जी हां आपने सही सुना जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में फरियाद लेकर पहुंचा यह शख्स हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी बालको निवासी शांति कुमार कश्यप है। जिसका कहना है कि, उसका विवाह 06 मई 2011 को कोरबा जिले के तिलकेजा निवासी लुलेश्वरी कश्यप से हिंदू रीति रिवाज के साथ सम्पन्न हुआ था। शादी के सुखमय जीवन में उन दोनों की 2 पुत्री हुई. शांति कुमार ने आगे बताया कि, शादी के बाद दौड़ धूप कर उसने अपनी पत्नी का जाति, निवास और जरूरी कागजात बनवाया। आगे पढाई करवाया और तृतीय वर्ग शिक्षा कर्मी में नौकरी लगने तक तन मन और धन से मदद की। लेकिन नौकरी लगने के बाद उसने गैर पुरुष से नाजायज संबंध बना लिए।

पत्नी ने की पति से बेवफाई

शांति कुमार ने आगे बताया कि, जब पत्नी की बेवफाई की दास्तां अपने ससुराल वालों को बताया कि आपकी बेटी गलत रास्ते में जा रही है। तब मायके वाले अपनी बेटी को समझाने के बजाये उल्टा मेरे प्रति उसे और भड़का दिया और मेरी पत्नी को अपने साथ ले गए। तब से पिछले 2 साल से वह मेरे साथ नहीं रहती।

पीड़ित पति का आरोप है कि उसकी पत्नी अपने साथ पति का अंकसूची, आधार कार्ड, जमीन की रजिस्ट्री पेपर व अन्य दस्तावेज व सोना-चांदी व अन्य सामान को भी लेकर चली गयी है। पीड़ित पति शांति की माने तो उसकी पत्नी वर्तमान में शा। प्रा.स्कूल भदरापारा बालको में सहायक शिक्षिका के पद पर पदस्थ है। पीड़ित पति अब अपनी शिक्षिका पत्नी के विरुद्ध उचित कार्रवाई की मांग करते हुए उसे सरकारी नौकरी से बर्खास्त करने की मांग की है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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