सुरेन्द्र प्रताप सिंह की रिपोर्ट
जोधपुर: राजस्थान में नाबालिगों के साथ होने वाले अत्याचार के सनसनीखेज मामले थम नहीं रहे हैं। दौसा में जहां नाबालिग बच्ची की किडनैपिंग और उसके पिता की सरेआम हत्या करने के मामले ने तूल पकड़ रखा है।
इसी बीच सीएम गहलोत के गृहनगर जोधपुर से हैरान कर देने वाली घटना का खुलासा हुआ है। जोधपुर के वीर दुर्गादास सैनिक स्कूल सेतरावा से नाबालिक बच्चों को बंधक बनाकर उनके साथ शारीरिक शोषण करने की बात का खुलासा हुआ है। नाबालिग बच्चों के साथ मारपीट और पढ़ाई से वंचित रखने के इस मामला की शिकायत खुद बच्चों ने बाल कल्याण समिति न्याय पीठ को की है। दरअसल, बाल कल्याण समिति न्याय पीठ के पास वॉट्सएप के जरिए स्कूल के खिलाफ शिकायत मिली थी। इसमें खुद बच्चों ने वॉट्सएप कॉल करके खुद अपनी आपबीती बताई थी।
बाथरूम का पानी पियो….
बाल कल्याण समिति न्याय पीठ को बच्चों की ओर से किए गए वीडियो कॉल में उन्होंने कई गंभीर आरोप स्कूल प्रबंधन पर लगाए गए हैं। वॉट्सएप कॉल करने वाले पीड़ित बच्चे का कहना है कि उन्हें यहां से बाहर निकलने नहीं दिया जा रहा है। बाहर जाने वाले सभी रास्तों पर ताला लगा दिए गए हैं। बाथरूम करने तक भी नहीं दिया जा रहा है और पीने के पानी के लिए भी कहा जा रहा है कि बाथरूम का पानी पियो। हॉस्टल में बच्चों को मानसिक प्रताड़ना देने के इस मामले के उजागर होने के बाद बाल संरक्षण कमेटी भी सकते में है। कमेटी ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।
बाल संरक्षण आयोग टीम ने किया बच्चों का रेस्क्यू
नाबालिग बच्चों को न्याय दिलाने के लिए बाल संरक्षण आयोग ने शेरगढ़ थाना क्षेत्र में केस दर्ज करवाया है। वहीं बच्चों को रेस्क्यू कर बाल सुधार गृह में संरक्षण में ऱखा गया है। यहां बच्चों की काउंसललिंग की जाएगी। इसके बाद पुलिस बच्चों के बयान दर्ज करेगी। बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने बताया है कि मामला सामने आने के बाद तुरंत इस पर संज्ञान लिया गया है । उन्होंने बताया कि यहां बच्चों को सैनिक स्कूल के संचालक ने दो दिन बंधक बनाए रखा था। बच्चों के साथ यहां एक शिक्षक को भी बंधक बनाए रखा गया। पूरे मामले की जांच अभी चल रही है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि यह एक प्राइवेट स्कूल है, जिसका नाम सैनिक स्कूल रखा गया है। स्कूल प्रबंधन की ओर से यह दावा किया गया था वो इंग्लिश मीडियम में बच्चों की पढ़ाई करवाएंगे, लेकिन बाद में जब ये वादा पूरा नहीं हुआ तो पैरेंट्स और बच्चों ने इसका विरोध किया। इसके बाद गुस्साए स्कूल संचालक ने बच्चों को बंधक बना लिया।
Author: samachar
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