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29 December 2024 7:14 am

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पहलवानों के प्रदर्शन का नुक़सान झेलेगी भाजपा…!! सर्वे का यह खुलासा दिमाग घुमा देगी

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सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट 

अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों ने मोर्चा खोल रखा है. बृजभूषण पर पहलवानों ने यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ के आरोप लगाए हैं। लेकिन क्या पहलवानों के आरोपों से बीजेपी को चुनावी नुकसान होगा? इसी को लेकर सी वोटर ने आईएएनएस के लिए सर्वे किया है। सर्वे के मुताबिक ज्यादातर भारतीयों को लगता है कि विरोध प्रदर्शनों का बीजेपी पर नकारात्मक चुनावी प्रभाव पड़ेगा।

सीवोटर सर्वे में एक सवाल था, जिसमें पूछा गया कि क्या पहलवानों और बृजभूषण शरण सिंह के विवाद से बीजेपी को चुनावी नुकसान होगा? इस पर करीब 47 प्रतिशत लोगों ने कहा इससे बहुत ज्यादा नुकसान होगा, जबकि 17.6 प्रतिशत को लगता है कि यह कुछ हद तक प्रभावित करेगा। इसके उलट, 23 प्रतिशत से कम का मानना है कि पहलवानों के विरोध का कोई चुनावी असर नहीं पड़ेगा। करीब 54 फीसदी एनडीए समर्थक मानते हैं कि बीजेपी को चुनावी नुकसान होगा।

इस बात से खुश नहीं एनडीए समर्थक

पहलवानों की ओर से विपक्षी दलों का खुला समर्थन लेने से एनडीए समर्थक खुश नहीं हैं। करीब 51 फीसदी का मानना है कि पहलवानों के लिए विपक्षी दलों का समर्थन लेना गलत है। विपक्षी पार्टियों के करीब 54 फीसदी समर्थक इसे सही मानते हैं। मतदाता इस मुद्दे पर साफ तौर पर बंटे नजर आते हैं।

सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका के आधार पर दिल्ली पुलिस ने सिंह के खिलाफ कई FIR दर्ज की हैं। इनमें से एक FIR पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज की गई है, इसमें नाबालिगों के खिलाफ यौन अपराध शामिल हैं।

पहलवानों ने लगाए गंभीर आरोप

गौरतलब है कि विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया जैसे एशियाई, राष्ट्रमंडल और ओलंपिक पदक विजेताओं सहित कई पहलवानों ने इस साल जनवरी में बृजभूषण सिंह के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे।

खेल मंत्रालय ने आरोपों की जांच के लिए एक समिति का गठन किया था। अब इस मामले की निगरानी सुप्रीम कोर्ट भी कर रहा है। एक खामोशी के बाद अप्रैल से विरोध तेज हो गया है।

बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग

प्रदर्शनकारी पहलवान बृजभूषण सिंह की तत्काल गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं, जबकि सिंह का दावा है कि उन्हें झूठे आरोपों में फंसाया जा रहा है। मामले में पुलिस के ढीले रवैये के बाद पहलवानों ने अप्रैल में जंतर-मंतर पर धरना शुरू किया, जिसके बाद बड़ी संख्या में विपक्षी दलों और नागरिक समूहों ने उनको समर्थन दिया है। पहलवानों को 28 मई को नए संसद भवन की ओर मार्च करते समय गिरफ्तार किया गया था और तब से उन्हें विरोध स्थल से हटा दिया गया।( Inputs INS)

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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