झारखंडरांची

इस प्रदेश में नमस्कार, प्रणाम, सत श्री अकाल नहीं चलेगा, मुख्यमंत्री ने कहा हमारी संस्कृति आदिवासी है…अब सभी को बोलना होगा “जोहार”

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मुरारी पासवान की रिपोर्ट 

चाईबासा: झारखंड में नमस्कार, प्रणाम, सत श्री अकाल नहीं चलेगा। सभी की अपनी संस्कृति होती है। हमारी आदिवासी संस्कृति में “जोहार” महत्वपूर्ण है। जोहार आदिवासी संस्कृति और परंपरा से जुड़ा हुआ है। राज्य में अब सभी को अभिवादन करते समय “जोहार” बोलना होगा। ऐसा झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा।वहीं, इसके लिए सभी प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया जा चुका है।

“विपक्ष आदिवासियों को आपस में लड़ाने में लगी हुई है”

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उन्होंने आगे कहा कि देश में सर्वोच्च पद पर एक भी आदिवासी जज नहीं है। बड़े वकील नहीं हैं तो हम आदिवासियों को इंसाफ कौन दिलाएगा। सीएम ने कहा कि आप लोगों को मैं यह बता दूं कि वर्तमान में देश की जेलों में सबसे अधिक आदिवासी व दलित ही बंद हैं। विपक्ष आदिवासियों को आपस में लड़ाने में लगी हुई है। जहां लड़ाई-झगड़े होते हैं, वहीं भाजपा सरकार बनाती है। यहां के लोगों को इसको समझना होगा और अपने राज्य को अमन-चैन के साथ रखना होगा।

“सरकार सर्वजन पेंशन योजना के तहत सभी जरूरतमंदों को दे रही पेंशन”

उन्होंने कहा कि सरकार सर्वजन पेंशन योजना के तहत सभी जरूरतमंदों को पेंशन देने का काम कर रही है। अब पेंशन के लिए कोई दलाली नहीं कर सकता। हर महीने 5 तारीख को सभी के खाते में पेंशन चली जाती है। इसी तरह आने वाले समय में अनाज के लिए भी सरकार दिन तय करेगी, जिससे गरीबों को समय पर अनाज मिल सके।

प्रधानमंत्री ने राशन कार्ड की संख्या नहीं बढ़ाई”

सीएम ने कहा कि भाजपा ने रघुवर दास के शासन काल में 11 लाख लोगों के राशन कार्ड खत्म कर दिये थे। सीएम ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि हमने प्रधानमंत्री से बोला था कि झारखंड में गरीबी है। राशन कार्ड की संख्या बढ़ाई जाए, लेकिन उन्होंने नहीं सुना। फिर हमने 20 लाख राशन कार्ड बनवा दिए। केंद्र से हमने कहा कि गरीबों को एफसीआई से अनाज दिया जाए मगर भारत सरकार ने वो अनाज भी नहीं दिया। हमने अपने अधिकारियों से कहा है कि एफसीआई का भरोसा नहीं करें। बाजार से राशन खरीदें और बांटे।

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"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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