google.com, pub-2721071185451024, DIRECT, f08c47fec0942fa0
अपराध

षडयंत्र के शिकार हो चुके हैं उत्तर प्रदेश के कई संत ; कोई गायब हैं तो किसी की रहस्यमय तरीके से हत्या कर दी गई

दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

IMG_COM_20230103_1524_36_3381

IMG_COM_20230103_1524_36_3381

IMG_COM_20230125_1248_01_6843

IMG_COM_20230125_1248_01_6843

IMG-20230311-WA0000

IMG-20230311-WA0000

DOC-20230315-WA0001.-1(4465366760430)

DOC-20230315-WA0001.-1(4465366760430)

DOC-20230315-WA0001.-32(4466908217200)

DOC-20230315-WA0001.-32(4466908217200)

जब से श्रीनिरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि सहित प्रमुख संतों को जहर देकर मारने की साजिश सामने आई है। इसके बाद तमाम संतों को सुरक्षा के लिए चिंता सताने लगी है। हालांकि पुलिस संदिग्ध विक्रम शर्मा से अभी भी पूछताछ कर रही है।

षडयंत्र का शिकार हो चुके हैं कई संत

कुछ संतों का कहना है, इससे पहले भी कई संत, महात्मा इस तरह के षडयंत्र का शिकार हो चुके हैं। हरिद्वार, प्रयागराज, अयोध्या जैसे अन्य शहरों में कुछ संतों की हत्या कर दी गई। वहीं कुछ को तो गायब भी कर दिया गया। हैरान करने वाली बात तो यह है कि अधिकांश घटनाओं का पर्दाफाश नहीं हुआ है।

दिनदहाड़े बरसाईं गई थी गोलियां

2006 फरवरी में माघ मेला से लौट रहे संत ज्ञानेश्वर सदानंद के काफिले में गोलियां बरसाई गईं थी। यह वारदात हंडिया की बगहा रेलवे क्रासिंग के पास हुआ था। इस वारदात में ज्ञानेश्वर समेत 9 लोगों की मौत हुई थी। इस हत्या में सुल्तानपुर के पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू का नाम सामने आया था।

मांग करने पर किया अचानक से गायब

2013 में प्रयागराज में महाकुंभ का मेला लगा था। महाकुंभ में 4 पीठों के शंकराचार्यों को आसपास जमीन देने के लिए चतुष्पद बनाने की पुरजोर मांग उठी थी। मांग पूरा करवाने के स्वामी परिपूर्णानंद सरस्वती आमरण अनशन पर बैठ गए थे। उसके बाद जनवरी की शुरुआत में अनशन के दौरान परिपूर्णानंद अचानक गायब हो गए। आज तक उनका पता नहीं चल पाया है।

तलवार से किया गया हमला

2018 में निरंजनी अखाड़ा के महंत पवन पुरी की मांडा में हत्या कर दी गई थी। उन पर तलवार से हमला किया गया था। अयोध्या में निर्वाणी अनी अखाड़ा के महंत हरभजन दास, महंत रामकृपाल दास व महंत रामशंकर दास की 15 से 20 वर्ष पहले हत्या हुई थी।

खुद को गोली मारकर की आत्महया

2019 के नवंबर में प्रयागराज के दारागंज स्थित आश्रम में श्रीनिरंजनी अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत आशीष गिरि ने खुद को गोली मारकर आत्महया कर ली थी। इसका भी रहस्य पता नहीं लग पाया क्योंकि आशीष गिरि का शरीर में गोली लगने की स्थिति मेल नहीं खा रही थी।

तालाब में तैरता हुआ मिला पार्थिव शरीर

2020 में उदासीन बड़ा अखाड़ा के कोठारी मोहन दास भी अचानक लापता हुए थे। उन्हें भी खोजने में पुलिस नाकाम हुई थी। फिर वहीं रहस्यमय तरीके से अग्नि अखाड़ा के स्वामी रुद्रानंद गिरि की हत्या कर दी गई। इसके बाद 2022 के अप्रैल में जूनागढ़ के एक तालाब में उनका पार्थिव शरीर तैरता हुआ मिला था। स्वामी रुद्रानंद के हाथ-पांव रस्सी से बंधे हुए थे।

फंदे पर लटककर कर ली आत्महत्या

2021 सितंबर में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि अपने श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी में फांसी के फंदे पर लटककर आत्महत्या कर ली थी। आत्महत्या के पीछे की वजह उन्हें मृत्यु के लिए उकसाने की बात सामने आयी थी।

Tags

samachar

"ज़िद है दुनिया जीतने की" "हटो व्योम के मेघ पंथ से स्वर्ग लूटने हम आते हैं"
Back to top button
Close
Close
%d bloggers like this: