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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
कर्नलगंज,गोण्डा। ड्यूटी के बाद गरीब बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने वाले आरक्षी मोहम्मद जाफर थाना कोतवाली कर्नलगंज चचरी को पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर ने मंगलवार को पुलिस कार्यालय में प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया तथा उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
गरीब बच्चों को पढ़ाने के लिए पेड़ के नीचे लगती पुलिस सर की पाठशाला
बच्चों के बीच में पुलिस सर के नाम से यह सिपाही मशहूर है। अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद प्रतिदिन एक घंटे गरीब बच्चों को पढ़ाने के लिए निकालते हैं। वर्तमान समय में प्रतिदिन करीब एक सैकड़ा बच्चे पुलिस के इस सिपाही से पढ़ने आते हैं।
गोंडा जिले के कर्नलगंज कोतवाली क्षेत्र के चौकी चचरी पर सिपाही मोहम्मद जाफर की तैनाती है। सिपाही प्रतिदिन सुबह उठकर चौकी के पास गरीब बच्चों को निशुल्क पढ़ाते हैं। सुबह होते ही इस पाठशाला में बच्चों का आना शुरू हो जाता है। विज्ञान वर्ग से स्नातक मोहम्मद जाफर बड़े ही लगन से इन बच्चों को पढ़ाते हैं। यदि किसी बच्चे से आप पूछें किससे पढ़ रहे हैं। प्रत्येक बच्चे की जुबान पर सिर्फ एक बात होती है। पुलिस सर बहुत अच्छा पढ़ाते हैं।
कक्षा एक से लेकर 10 तक और नवोदय की तैयारी कर रहे बच्चे पढ़ने आते
पुलिस सर की पाठशाला में कक्षा एक से लेकर 10 तक के बच्चे पढ़ने आते हैं। इनमें नवोदय परीक्षा की तैयारी करने वाले बच्चे भी शामिल होते हैं। पुलिस के सिपाही मोहम्मद जाफर इन बच्चों को अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, और सामान्य ज्ञान की शिक्षा देते हैं।
यूपी पुलिस के सिपाही मोहम्मद जाफर सिविल सेवा में जाना चाहते थे। अपनी परिस्थितियों के कारण उसमें नहीं सफल हुए। जिससे आईएएस बनने का इनका सपना अधूरा रह गया। आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी ना होने के कारण पहले ही प्रयास में यूपी पुलिस के सिपाही बन गए। नौकरी मिलने के बाद सिविल सर्विसेज में जाने का सपना अधूरा रह गया। मोहम्मद जाफर बताते हैं कि वह सिविल सेवा की तैयारी कर रहे थे। लेकिन उनका सपना पूरा नहीं हुआ। अब वह चाहते हैं। उनका पढ़ाया कोई बच्चा यदि सिविल सेवा में सफल हो गया तो उन्हें आत्म संतुष्टि मिलेगी।
सिपाही जाफर मोहम्मद का कहना है कि विद्या दान करना उनका शौक है। वह प्रतिदिन सुबह उठकर घूमने टहलने के बजाय बच्चों को पढ़ाते हैं। जिससे उन्हें आत्म संतुष्टि मिलती है। सुबह-शाम प्रतिदिन पुलिस चौकी के बगल पेड़ के नीचे इनकी पाठशाला लगती है। जावेद इन दिनों बच्चों और उनके अभिभावकों के चर्चा में हैं।