दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
हरदोई, साहब! ढाई हजार रुपये न देने पर गर्भवती पुत्री को प्रसव कक्ष से बाहर कर रेफर की पर्ची थमा दी। वह लोग पुत्री को लेकर बाहर जा ही रहे थे, लेकिन हाल में ही प्रसव हो गया। सोमवार को जिला महिला अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे डीएम एमपी सिंह ने एक महिला की पीड़ा सुनकर उन्होंने सख्त रुख अपनाया।
जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को जमकर फटकार लगाते हुए जिम्मेदार स्वास्थ्य कर्मियों पर कार्रवाई का निर्देश दिया।मेडिकल कालेज के आधीन अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे डीएम महिला अस्पताल की ओपीडी में पहुंच गए। उन्होंने मरीजों से अस्पताल में मिलने वाली दवाओं की जानकारी ली और कुछ देर बाद ही अस्पताल के बाहर निकल आए।
जिलाधिकारी को देखकर मरीजों के तीमारदारों की भीड़ एकत्र हो गई। उसी बीच पहुंची माधवगंज के ग्राम पिपरावां की जदीना ने बताया कि पुत्री राबिया बानो गर्भवती थी। सोमवार सुबह उसे लेकर महिला अस्पताल आए, जहां पर प्रसव कक्ष में स्टाफ नर्सों ने 25 सौ रुपये मांगे।
उन्होंने कहा कि दामाद अरमान अभी आ रहा है। उसके बाद रुपये देने देंगे। इतना सुनते ही स्टाफ नर्स ने पुत्री को बाहर निकाल दिया और चिकित्सक रेफर का पर्चा बना दिया। पुत्री ने कक्ष में उल्टी कर दी तो स्टाफ नर्स ने दोनों को मारा। वह लोग पुत्री को लेकर जा ही रहे थे, लेकिन हाल में पुत्री ने बच्चे को जन्म दे दिया।
कार्रवाई के निर्देश दिए : जिलाधिकारी ने सीएमएस डा. विनीता चतुर्वेदी से पूरे मामले पर नाराजगी जताते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए। वहीं अस्पताल में गंदगी देखकर जमकर फटकार और सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश दिए। अस्पताल में खड़ी कंडम एंबुलेंस को हटवाने के साथ ही गेट के सीसी कैमरों को दुरुस्त कराने का निर्देश दिया।
आकस्मिक कक्ष पहुंच जाते डीएम तो खुल जाती पोल : जिलाधिकारी अगर आकस्मिक चिकित्सा कक्ष पहुंच जाते तो चिकित्सक और कर्मी उनसे एक माह से शौचालय चोक होने और पीने के पानी की व्यवस्था न होने की शिकायत करते, लेकिन जिलाधिकारी आकस्मिक चिकित्सक कक्ष तक नहीं पहुंचे और अस्पताल की पोल खुलने से बच गई।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."