कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
कानपुर। जूही से लापता तीनों बच्चों को पुलिस ने उन्नाव से बरामद कर लिया। बच्चे वहां पर लगा मेला घूमने गए थे। इस दौरान उन्होंने चूरन वाले नकली नोट भी चला दिए। पुलिस ने बच्चों तक पहुंचने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया था। जिसके बाद एक पान की दुकान करने वाले व्यक्ति की सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंच गई और तीनों बच्चों को बरामद कर लिया। बच्चों की सूचना देने वाले पान की दुकान करने वाले व्यक्ति को पुलिस कमिश्नर ने पांच हजार का इनाम दिया है।
जूही मिलिट्री कैंप रेलवे कालोनी निवासी सगे भाई सर्वेश और प्रवेश के बेटे आयुष्मान उर्फ सूफियान (8) और रेहान (10) पास की कच्ची बस्ती निवासी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नीरज वाल्मिकी की बेटी ईशा(12) के साथ रविवार शाम करीब 5 बजे घर के बाहर से खेलते हुए लापता हो गए थे। विराट हत्याकांड से जूझ रही पुलिस ने इस मामले को और गम्भीरता से लिया। पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और जांच पड़ताल की। चार अलग अलग टीमों को टास्क सौंपे गए और बच्चों की तलाश शुरू हुई। बच्चों की फोटो के साथ मिसिंग का मैसेज बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कराया गया। साथ ही पुलिस कमिश्नर ने सूचना देने वाले को पांच हजार के इनाम की घोषणा भी की।
सुबह पांच बजे बरामद हुए बच्चे: उन्नाव में एक पान की दुकान लगाने वाले यश जायसवाल ने इंस्पेक्टर जूही जितेन्द्र सिंह और एसीपी बाबूपुरवा आलोक सिंह को फोन पर बच्चों के बारे में जानकारी दी। सुबह पांच बजे पुलिस टीम उन्नाव पहुंची और वहां से बच्चों को बरामद कर लिया।
ऐसे ही मन था चले गए: बच्चों की बरामदगी के बाद पुलिस ने उनसे पूछताछ की इस पर रेहान ने कहा कि मेले के बारे में बहुत सुना था ऐसे ही मन कर गया तो चले गए। पुलिस ने जब उनके जाने की लोकेशन ट्रेस की तो पता चला कि वहां से पैदल वह लोग अनवरगंज स्टेशन वहां से अफीमकोठी पहुंचे। टेम्पों में बैठकर वहां से घंटाघर और वहीं से उन्नाव के टेम्पो में बैठकर वहां निकल गए।
चूरन वाले नोट चला दिए: डीसीपी साउथ प्रमोद कुमार ने बताया कि बच्चों के पास चूरन वाले नोटों की गड्ढी मौजूद थी। रेहान और ईशा ने बताया कि उन्होंने टेम्पों से उन्नाव में उतरने के बाद टेम्पो चालक को वहीं नोट दिया। अंधेरे में वह नोट समझ नहीं पाया और उसने बकाया पैसे असली नोट में वापस कर दिए। उन्हीं पैसों से बच्चों ने मेला घूमा और वहां पर समोसे खाए। उसके बाद बच्चे झूले के नीचे सो भी गए। एकाएक सुबह चार बजे आयुष्मान माता पिता के पास जाने के लिए रोने लगा। उसी दौरान यश जायसवाल ने बच्चों को देखा। उसने उन्हें चुप कराया और फिर उनसे परिवार वालों का मोबाइल नम्बर पूछा। यश ने ही बच्चों के परिजनों और फिर पुलिस को सूचना दी।
रात भर पुलिस के छूटे पसीने: विराट हत्याकांड सुलझ न पाने और उसपर तीन बच्चों के गायब हो जाने के कारण पुलिस के पसीने छूट गए। पहले पुलिस को सूचना मिली की वह ट्रेन से कहीं चले गए हैं। एक एक सीसी टीवी फुटेज चेक किया गया। मगर फुटेज मिला नहीं। उसके बाद पुलिस ने बस अड्डे पर चेकिंग कराई।
Author: samachar
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