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November 23, 2024 8:38 am

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“हिंदी क्यों नहीं पढाई जाती है?” पूछने पर बच्चे को निकाल दिया इस्लामिक प्राइवेट स्कूल ने

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

अलीगढ़़। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक इस्लामिक प्राइवेट स्कूल में हिंदी नहीं पढ़ाए जाने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि बच्ची के पिता का गुनाह सिर्फ इतना था कि उन्होंने विद्यालय प्रबंधन से पूछ लिया कि स्कूल में हिंदी क्यों नहीं पढ़ाई जा रही। जिसके बाद स्कूल प्रशासन ने नर्सरी क्लास की बच्ची को स्कूल से निकाल दिया।

घटना के बाद बच्ची के परिजनों ने डीएम कार्यालय पर मामले की शिकायत की। डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने शिकायत का संज्ञान लेते हुए मामले की जांच बीएसए को सौंप दी है। मामला इस्लामिक मिशन स्कूल किला रोड का है।

स्कूल में न हिंदी पढ़ाई जाती, न राष्ट्रगान होता: आमिर

अलीगढ़ के थाना क्वार्सी इलाके फोर्ट एल्कलेव, पंजीपुर गांव निवासी मोहम्मद आमिर ने बताया कि इसी साल उन्होंने अपनी बच्ची का ‘इस्लामिक मिशन स्कूल’, पंजीपुर में क्लास नर्सरी में दाखिला कराया था। एडमिशन के 6 महीने बाद हम लोग स्कूल गए थे और पूछा था हमारी बेटी को हिंदी क्यों नहीं पढ़ाई। होमवर्क क्यों नहीं चेक किया अभी तक। बच्ची की परफॉर्मेंस कैसा है। इस दौरान स्कूल के संचालक ने हमारे किसी भी सवाल का कोई जवाब नहीं दिया। साथ ही हमारे ऊपर बदसलूकी का आरोप लगाया और हमारी बेटी को स्कूल से निकाल दिया। बच्ची अक्शा का कहना है कि स्कूल में केवल उर्दू पढ़ाई जाती है। हिंदी नहीं पढ़ाई जाती है।

डीएम ने दिए जांच के आदेश

आमिर का आरोप है कि स्कूल में राष्ट्रगान नहीं होता है। साल में सिर्फ दो बार राष्ट्रगान होता है 15 अगस्त और 26 जनवरी को। मेरे द्वारा जिलाधिकारी को इसकी लिखित शिकायत दी गई थी, जिस पर डीएम ने जांच के आदेश दिए हैं।

वहीं इस पूरे मामले पर बेसिक शिक्षा अधिकारी सत्येंद्र कुमार ढाका ने जानकारी देते हुए बताया कि मामला जवां ब्लॉक से संबंधित है। क्षेत्र के खंड शिक्षा अधिकारी को जांच सौंपते हुए टीम गठित कर दी गई है। जांच के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। वहीं, स्कूल प्रशासन ने भी बच्ची को हिंदी न पढ़ाये जाने की बात मानते हुए अपनी सफाई पेश की है।

स्कूल प्रशासन का कहना है कि नर्सरी के बच्चों को हिंदी लिखने में टाइम लगता है। अभी अप्रैल से सेशन शुरू हुआ है। कुछ छुट्टियां भी हुई हैं। जिसके चलते राइटिंग प्रैक्टिस लेट शुरू होती हैं।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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