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November 26, 2024 3:10 am

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“डर डर कर लगातार मर रहा लोकतंत्र , आम आदमी को ऐसे ही मुर्दा बना डालता है”; वीडियो ? देखिए

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टिक्कू आपचे की रिपोर्ट 

महाराष्ट्र के करीब 40 विधायक असम के एक होटल में ठहरे हुए हैं। असम के मुख्यमंत्री, मंत्री शिवसेना के बागी विधायकों से लगातार मुलाकात कर रहे हैं और उनकी देखभाल कर रहे हैं। इसी बीच असम में भयंकर बाढ़ के हालात भी बने हैं। इस पर फिल्ममेकर विनोद कापड़ी ने तंज कसा है।

विनोद कापड़ी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि “जिस असम में 100-100 करोड़ में विधायकों की सौदेबाजी हो रही है, उसी असम में शव तैर रहे हैं। याद रखिएगा- डर डर कर लगातार मर रहा लोकतंत्र , आम आदमी को ऐसे ही मुर्दा बना डालता है।”   

लोगों की प्रतिक्रियाएं: विद्द्योत्मा नाम की यूजर ने लिखा कि ‘हमारे देश की राजनीति में इतना नैतिक पतन आ गया है कि इंसान भी सिर्फ खरीद फरोख्त की सामग्री बन कर रह गए हैं। आत्मा-विहीन नेता सिर्फ़ अपने स्वार्थ की तराज़ू पर नाप तोल कर खरीद फरोख़्त करते हैं।’ ओम प्रकाश नाम के यूजर ने लिखा कि ‘आम इन्सान अब जिन्दा कहां है ? इन्सान जिंदा होता तो क्या लोकतंत्र को मरने देता? नहीं बल्कि लोकतंत्र के हत्यारे को ही जड़ से खत्म कर देता।’

विक्रम कुमार ने लिखा कि ‘असम के इस हालात के लिए तो सरकार जिम्मेदार है लेकिन जो सौ सौ करोड़ रुपए में बिकने की बात की है, क्या आपके पास प्रूफ है या अगर कोई विद्रोह कर दे तो उसे बिका हुआ साबित कर देना चाहिए।’ शादाब नाम के यूजर ने लिखा कि ‘बेहद शर्मनाक है ,इसी सड़ी हुई राजनीति की वजह से ही तो देश का ये हाल है ,बस विधायक खरीदो बेचो ,हिन्दू मुस्लिम की राजनीति करो।’

अनूप नाम के यूजर ने लिखा कि ‘लोकतंत्र तब भी मरा था, जब शिवसेना ने कांग्रेस और पवार से मिल के सरकार बनायी थीं। क्योंकि जनता ने भाजपा के CM के नाम पर जनादेश दिया था। अरुषा राठौर ने लिखा कि ‘असम की बाढ़ तो संभलती नहीं, देश के बिकाऊ विधायकों को असम के होटलों में न्योता दे रहे हैं।’

बता दें कि शिवसेना के बागी विधायक असम के गुवाहाटी में ठहरे हुए हैं। इसी बीच असम के कई हिस्से बाढ़ की चपेट में है। असम में बाढ़ (Flood) के कारण शुक्रवार के दिन 45.34 लाख लोग प्रभावित रहे। वहीं बीते 24 घंटे के दौरान बाढ़ के कारण 10 लोगों की जान चली गई। लोगों को बचाने और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य भी किया गया। इसी को लेकर लोग सीएम हिमंत बिस्वा सरमा पर तंज कस रहे हैं। 

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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