दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
देवी पाटन मंडल। उतरौला तहसील मुख्यालय पर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पर्याप्त चिकित्सकों व स्टाफ के होने के बाद भी मरीजों को समुचित स्वास्थ्य लाभ नहीं मिल पा रहा है। दवा व उपकरणों के अभाव में मरीजों को निजी पैथोलाजी व मेडिकल स्टोरों पर अपनी जेब कटवानी पड़ रही है। कमरों की कमी के कारण एक कक्ष में दो-दो चिकित्सक बैठकर ओपीडी निपटाते हैं। अस्पताल में पेयजल के लिए हैंडपंप नहीं है। औसतन 300 नए मरीजों का पंजीकरण रोजाना किया जाता है। करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी सेवाओं में सुधार न होना संवेदनहीनता बयां कर रहा है।
सीएचसी अधीक्षक डा. चंद्र प्रकाश का कहना है कि छह चिकित्सकों की नियमित तैनाती है। एनेस्थेसिस्ट, दंत रोग, नेत्र रोग व बाल रोग विशेषज्ञ की तैनाती नहीं है। बहुत गंभीर स्थिति होने पर ही बाहर की दवा लिखनी पड़ती है। महिला वार्ड में छह स्टाफ नर्स व दो पुरुष स्टाफ नर्स भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। शीघ्र ही सीएचसी में आपरेशन थिएटर की भी सुविधा मिल जाएगी।
Author: samachar
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