google.com, pub-2721071185451024, DIRECT, f08c47fec0942fa0
महोबा

आल्हा का 882वां जन्मोत्सव मनाया, केक काटे गए और बुंदेलियों ने 27वीं बार प्रधानमंत्री को खून से लिखा खत

IMG-20250425-WA1484(1)
IMG-20250425-WA0826
IMG-20250502-WA0000
Light Blue Modern Hospital Brochure_20250505_010416_0000
IMG_COM_202505222101103700

नौशाद अली की रिपोर्ट

महोबा : वीर आल्हा के 882वें जन्मोत्सव पर केक काटा गया। बुंदेलों ने 27वीं बार प्रधानमंत्री को अपने खून से खत लिखे। कहा कि यदि आप फिलहाल बुंदेलखंड राज्य नहीं बनाना चाहते तो कम से कम हमारे क्षेत्र की मरणासन्न स्वास्थ्य सेवाएं ही ठीक करवा दीजिए।

जिला अस्पताल में करोड़ों की जांच मशीनें सिर्फ इसलिए धूल फांक रही हैं क्योंकि उनको कोई चलाने वाला नहीं है। इससे पूर्व आल्हा चौक पर बुंदेलों ने केक काटा एवं मजदूरों को भी खिलाया।

बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर ने बताया कि महोबा से 10 किलोमीटर दूर दिसरापुर गांव में सन 1140 में दसराज व देवला के घर जन्मे आल्हा और ऊदल चंदेल राजा परमाल के सेनापति थे। उनकी वीरता के किस्से आमजन जगजाहिर हैं। दोनों ने 52 लड़ाइयां जीतीं जिनका विस्तृत वर्णन आल्हा खंड में मिलता है, लेकिन अब आल्हा ऊदल की सभी निशानियां मिटती जा रही हैं। उनको बचाने के लिए कोई प्रयास नहीं हो रहा।

महामंत्री डा. अजय बरसैया ने कहा कि आल्हा की जन्मस्थली दिसरापुर को आदर्श गांव घोषित किया जाए। हिंदू जागरण मंच के प्रदेश संगठन मंत्री राजेश पांडेय ने कहा कि महोबा में आल्हा म्यूजियम बनाया जाए। गुरु गोरखनाथ के कहने पर ही आल्हा ने दिल्ली नरेश पृथ्वीराज चौहान को प्राणदान दिया था और संन्यास ले लिया था।

सुधीर दुबे, डा. देवेंद्र पुरवार, डा. प्रभु दयाल, मुन्ना जैन, गया प्रसाद, सुरेश बुंदेलखंडी, सुरेंद्र शुक्ला, हरिओम निषाद, राम किशन सेन व प्रेम चौरसिया सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

88 पाठकों ने अब तक पढा
samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

[embedyt] https://www.youtube.com/embed?listType=playlist&list=UU7V4PbrEu9I94AdP4JOd2ug&layout=gallery[/embedyt]
Tags

samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की
Back to top button
Close
Close