जावेद अंसारी की रिपोर्ट
लखनऊ पुलिस मुख्यालय में तैनात कांस्टेबल रुचि सिंह की 17 फरवरी को PGI थाना क्षेत्र में नाले में लाश मिली थी। तीन दिन बाद इस केस में बड़ा खुलासा हुआ है। रुचि की हत्या लव ट्रायंगल में की गई थी। रुचि का अफेयर शादीशुदा प्रतापगढ़ के तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव से था। उसने पद्मेश के ही प्यार में अपने पति को तलाक दे दिया था। कई महीने से रुचि तहसीलदार पद्मेश पर शादी का दबाव बना रही थी, लेकिन वह आनाकानी कर रहा था।
रुचि के भाई का कहना है कि उसकी बहन की मौत से पहले पद्मेश उससे मिलने लखनऊ भी आया था। वह एक दिन उसके साथ ठहरा भी था। पुलिस का कहना है कि दोनों का पांच साल से अफेयर चल रहा था। कुछ अहम सबूत मिलने के बाद पुलिस ने रानीगंज स्थित ट्रांजिट हॉस्टल में छापेमारी की। वहां तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव और उसकी पत्नी को हिरासत में लेकर अपने साथ लखनऊ ले आई। सूत्रों का कहना है कि रुचि की उसके फ्लैट में हत्या की गई। इसके बाद उसके शव को ठिकाने लगाया गया। शव फेंकने में इस्तेमाल गाड़ी भी पुलिस ने कब्जे में ले ली है।
तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव प्रतापगढ़ में 3 साल से तैनात है। इसे पहले वो कौशांबी में तैनात था। आरोपी प्रयागराज का रहने वाला है। पहले पद्मेश लालगंज में तैनात था। करीब चार महीने पहले उसको रानीगंज भेज दिया गया था, तब से वो यहीं पर तैनात है। पद्मेश और रुचि सिंह की मुलाकात फेसबुक पर हुई थी। वहीं, से दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ी थीं। रुचि बिजनौर की रहने वाली थी।
तहसीलदार ने कराया था तलाक
रुचि सिंह मूल रूप से बिजनौर के नजीबाबाद की रहने वाली थी। उसकी शादी जून 2019 में कांस्टेबल नीरज के साथ हुई थी। दिसंबर 2019 में रुचि भी बतौर सिपाही भर्ती हो गई। मगर, इसके पहले से ही प्रयागराज के पद्मेश श्रीवास्तव से उसका प्रेम प्रसंग चल रहा था। नौकरी पाने के बाद रुचि ने अपने पुराने प्रेम को उजागर कर दिया।
इसके पहले उसने पति नीरज के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज करवाया। इसके बाद पद्मेश के कहने पर तलाक का केस फाइल कर दिया। कुछ महीने बाद ही दोनों का तलाक हो गया। रिश्ता टूटने के बाद पद्मेश और रुचि खुलकर मिलने जुलने लगे। तहसीलदार पद्मेश ने रुचि का उसके पति से तलाक करवाया था।
पत्नी बनकर तहसीलदार के सरकारी आवास पर जाती थी
पद्मेश की पोस्टिंग प्रतापगढ़ में थी, लेकिन उसका परिवार प्रयागराज में रहता था। पद्मेश पहले से शादीशुदा होने के बावजूद रुचि से रिलेशनशिप में था। वह अक्सर रुचि से मिलने उसके गोमतीनगर विस्तार के सुलभ आवास में किराए के फ्लैट पर आता था। यही नहीं रुचि भी उसकी पत्नी बनकर प्रतापगढ़ में उसके सरकारी आवास पर कई दिन तक रुकती थी। पद्मेश ने उसे भरोसा दिलाया था कि शादी करने के बाद लखनऊ में अपना फ्लैट लेकर दोनों यही रहेंगे।
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परीक्षा देने आए भाई को बताई कहानी तो हुआ खुलासा
रुचि पिछले कुछ महीनों से पद्मेश पर शादी का दबाव बना रही थी। लेकिन पद्मेश आनाकानी कर रहा था। उधर उसके कहने में आकर पति से तलाक ले चुकी रुचि की जिंदगी मझधार में फंस चुकी थी। 28 अगस्त को रुचि का भाई शुभम लखनऊ में सब इंस्पेक्टर की परीक्षा देने आया तो उसने भाई को सारी कहानी बताई। मौत से कुछ घंटे पहले भी रुचि ने अपनी भाभी शालिनी को फोन करके बताया था कि पद्मेश उससे मिलने आया है।
13 फरवरी को ड्यूटी पर नहीं पहुंची, 17 को लाश मिली
रुचि सिंह चौहान 13 फरवरी से ड्यूटी पर नहीं पहुंची। सात दिनों बाद पुलिस मुख्यालय में तैनात अनुभाग अधिकारी ने सुशांत गोल्फ सिटी कोतवाली में तहरीर दी। पुलिस ने शनिवार को गुमशुदगी दर्ज कर मामले की जांच पड़ताल शुरू की, तो पता चला कि बीते 17 फरवरी को पीजीआई थाना पुलिस ने एक महिला की लाश नाले से बरामद की है।
रुचि के साथियों ने उसके कपड़ों से पहचान की थी। चेहरा बुरी तरह खराब होने और शरीर फूलने से उसकी पहचान को लेकर संशय बना था। पुलिस ने पहचान करने के लिए रुचि के परिवार के लोगों को बिजनौर से बुलाया था। रविवार सुबह रुचि का भाई लखनऊ पहुंचा। उसने शव की शिनाख्त की है। रुचि 2019 से कांस्टेबल के पद पर तैनात थी। रुचि सिंह की शादी 2019 में हुई थी। उसका पति भी कांस्टेबल है। वो कुशीनगर में तैनात है।
रात भर साथ बिताया, दूसरे दिन हत्या करके हुआ फरार
पुलिस के मुताबिक 13 फरवरी से लापता रुचि की कॉल डिटेल खंगाली गई, तो आखिरी बातचीत पद्मेश के नंबर पर मिली। घरवालों से संपर्क करने पर पता चला कि 12 फरवरी को पद्मेश रुचि से मिलने आया था। संदेह के आधार पर पद्मेश को हिरासत में लेकर पूछताछ हुई तो पता चला कि 12 फरवरी की रात उसके साथ रुका था। रात भर उसने समझाने का प्रयास किया कि दोनों की शादी के लिए उसकी पत्नी राजी नही हो रही। रुचि अपनी जिद पर अड़ी रही। इसकी वजह से 13 फरवरी को एक दोस्त के साथ मिलकर उसकी हत्या करके शव को नाले में फेंक दिया था।
किसी के माध्यम से करवाया गया है मर्डर
सूत्रों के अनुसार दोनों पति-पत्नी 15 दिन पहले रुचि के खिलाफ थाने में तहरीर देने गए थे। उनका कहना था कि रुचि उनको ब्लैकमेल कर रही है। वो लोग थाने के पास पहुंचे ही थे, कि उनके पास एक फोन आया और वो लोग बिना शिकायत किए वापस लौट आए। उसके बाद दोनों पति-पत्नी ने रुचि के मर्डर का प्लान बनाया।
बताया जा रहा है कि तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव ने पहले लखनऊ में किसी युवक का काम करवाया था। उसी से उसने रुचि का मर्डर करवाया है।
पुलिस ने दोनों से शुरू की पूछताछ
मामले में सीओ सिटी अभय पांडेय ने बताया कि लखनऊ पीजीआई थाने की पुलिस रविवार की सुबह 6 बजे प्रतापगढ़ गई थी। वहीं से दोनों को साथ लाया गया है। दोनों से पूछताछ की जा रही है। जल्द ही सच सबके सामने होगा। तहसीलदार की पत्नी को दोनों के अफेयर के बारे में पता था। कहा जा रहा है कि उसका महिला की मौत के पीछे हाथ हो सकता है। पद्मेश की दो बेटियां भी हैं।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."