गुंजन परिहार की रिपोर्ट
उदयपुर। फर्जी शादियां करने वाली गिरफ्तार लुटेरी दुल्हन अब तक चार शादियां कर चुकी है। उसकी एक 6 साल की बेटी भी है।
वह शादी के बाद 2 से 3 महीने से ज्यादा नहीं रूकती और मां की बीमारी का बहाना बनाकर फरार हो जाती।
उदयपुर पुलिस ने उसे गुरुवार को चित्तौड़गढ़ के निम्बाहेड़ा से गिरफ्तार किया था। लुटेरी दुल्हन जहां से गिरफ्तार की गई, वहां भी फर्जी शादी करके ही गई थी। कुछ दिनों में वहां से भी फरार होने की तैयारी में थी, लेकिन इससे पहले ही उसकी करतूत उजागर हो गई और सलूंबर पुलिस ने उसे दबोच लिया।
दरअसल, लुटेरी दुल्हन का नाम संगीता उर्फ सोनू यादव है। पूछताछ में सामने आया कि सोनू की 10 साल पहले एमपी के सागर जिले के शिखारपुर गांव में अरविंद यादव से शादी हुई थी। 6 साल बाद अरविंद की कैंसर से मौत हो गई। इसके बाद सोनू मजदूरी करने लगी। इस बीच, वह एक मंदिर में आने वाले गुलाब सिंह से संपर्क में आई। गुलाब सिंह ने किसी से भी शादी कर 10 दिन रहने के लिए 50 हजार रूपए का लालच दिया।
इसके बाद दोनों ने मिलकर गिरोह बना लिया। इसमें गुलाब सिंह की पत्नी रजनी अरै रेखा नाम की महिला को भी शामिल हो गए।
यह लोग भोपाल में रहने लगे और एमपी से सटे राजस्थान बॉर्डर के आस-पास के गांवों में अपने एजेंट तैयार किए। यह एजेंट ऐसे लोगों को ढूंढते, जिनकी शादी नहीं होती। ऐसे ही लोगों को अपना शिकार बनाते थे।
भाई-भाभी से लेकर मां तक सब फर्जी
पुलिस ने बताया कि गिरोह के सभी सदस्य बेहद शातिर हैं। गुलाबसिंह और उसकी पत्नी सोनू को दुल्हन बताकर खुद को भाई-भाभी बताते।
गिरोह में शामिल 50 साल की महिला रेखा को अपनी मां बताती। जहां भी रिश्ता करने जाते, वहां बताते थे कि भोपाल के रहने वाले हैं।
6 महीने पहले सलूंबर में दुर्जन सिंह से शादी कर सोनू और गिरोह के सदस्यों में ढाई लाख रुपए की ठगी की थी। इसके बाद सोनू अपनी मां की बीमारी का कहकर फरार हो गई। 1 महने बाद ही गुलाब सिंह ने सोनू की शादी निंबाहेड़ा के रूपलाल तेली से शादी करवा दी।
ठगी में सबसे ज्यादा हिस्सा लुटेरी दुल्हन का होता
सोनू ने करीब 10 महीनों पहले सलूंबर से पाली के रानी गांव निवासी लक्ष्मणसिंह सोनी से भी शादी की। 2 लाख रुपए ठगी करने के बाद 1 महीने के बाद सोनू भोपाल चली गई। सोनू और गिरोह के सदस्य फरार होने के बाद अपना फोन नंबर बंद कर देते थे।
ठगी के बाद जो रुपए आते उनमें सबसे ज्यादा हिस्सा सोनू का होता। दलाल को 50 हजार रुपए देते, जबकि सोनू का 1 लाख रुपए तक लेती। मां बनने वाली महिला को 40 हजार रुपए तक देते थे।
थानाधिकारी हनवंत सिंह सोढ़ा ने बताया कि 7 जनवरी को मामला दर्ज कर पड़ताल की तो सामने आया कि इस शादी में सलूंबर क्षेत्र के दो लोगों की मिलीभगत थी। हेमराज सिंह और विष्णु जोशी नाम के व्यक्तियों ने ही झल्लारा निवासी परिवादी दुर्जनसिंह को गिरोह के सदस्यों से मुलाकात करवाई। पूर्व में पकड़े गए आरोपियों ने एमपी के शाहजहांपुर क्षेत्र के एक गिरोह के साथ मिलकर शादियां करवाना स्वीकार किया।
इसके बाद पुलिस ने कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए गिरोह के सरगना गुलाबसिंह, उसकी पत्नी रजनी और रेखा कराटे को गिरफ्तार कर लिया।
आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस ने लूटेरी दुल्हन को निंबाहेड़ा से गिरफ्तार किया है। थाना अधिकारी ने बताया कि गुलाबसिंह सोनू को अपनी बहन बताकर अपनी गरीबी का रोना रोता और शादी की एवज में 3 लाख रूपए मांगता। गुलाबसिंह सोनू के अलावा भी कई महिलाओं की ऐसी फर्जी शादियां करवा चुका है।
Author: samachar
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