देवरिया के जी.एम. एकेडमी में नीट क्वालिफाई छात्र सिद्धार्थ मिश्र और ओलंपियाड विजेता हिमांशु सिंह को सम्मानित किया गया। जानिए कैसे विद्यालय प्रबंधन ने विद्यार्थियों की मेहनत और अनुशासन की सराहना की।
देवरिया ब्यूरो रिपोर्ट
सलेमपुर(देवरिया)। नगर के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान जी.एम. एकेडमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में बुधवार को एक गौरवशाली क्षण तब आया जब विद्यालय के छात्र सिद्धार्थ मिश्र ने नीट परीक्षा 2024-2025 में सफलता अर्जित कर न केवल अपने माता-पिता बल्कि पूरे विद्यालय का नाम रोशन किया। इस उपलब्धि पर विद्यालय में एक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें सिद्धार्थ को विद्यालय के चेयरमैन डॉ. श्री प्रकाश मिश्र द्वारा मिष्ठान्न खिलाकर, स्मृति चिन्ह और अंगवस्त्र से सम्मानित किया गया।
प्रेरणादायी भाषण और समर्पण की सराहना
इस अवसर पर डॉ. मिश्र ने अपने प्रेरणादायी संबोधन में कहा,
“हर वह छात्र जो अनुशासन और समर्पण के साथ अपने गुरुजनों के मार्गदर्शन में आगे बढ़ता है, वह निश्चित रूप से जीवन में सफलता की ऊँचाइयों को छूता है। सिद्धार्थ और हिमांशु जैसे छात्र आने वाली पीढ़ी के लिए उदाहरण हैं।”
डॉ. मिश्र ने यह भी स्पष्ट किया कि विद्यालय का उद्देश्य केवल पाठ्यक्रम शिक्षा नहीं बल्कि चरित्र निर्माण भी है, और सिद्धार्थ जैसे छात्र इस मिशन की सफलता का प्रमाण हैं।
हिमांशु सिंह को मिला हिंदुस्तान ओलंपियाड में जनपद टॉपर का सम्मान
उक्त समारोह में ही सातवीं कक्षा के छात्र हिमांशु सिंह को छठवीं कक्षा में हिंदुस्तान ओलंपियाड में जनपद टॉपर बनने पर 3100 रुपये का चेक भी प्रदान किया गया। यह चेक भी चेयरमैन डॉ. मिश्र द्वारा प्रदान किया गया, जो युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने की दिशा में विद्यालय की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
प्रधानाचार्य और अभिभावक ने की सराहना
विद्यालय के प्रधानाचार्य मोहन द्विवेदी ने कहा,
“सिद्धार्थ मिश्र हमारे विद्यालय का नियमित छात्र रहा है, जो अनुशासित, विनम्र, परिश्रमी और आज्ञाकारी है। उसकी सफलता हम सभी के लिए गर्व की बात है। उसने विद्यालय की प्रतिष्ठा को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई है।”
सिद्धार्थ के पिता अजीत मिश्र ने भावुक होते हुए कहा,
“हम आज अत्यंत गौरवांवित महसूस कर रहे हैं। हमारे बेटे ने हमें सम्मान दिलाया है। हम जी.एम. एकेडमी के समस्त शिक्षकों के प्रति आभारी हैं, जिनके मार्गदर्शन और सहयोग से यह सफलता संभव हो पाई।”
इस सम्मान समारोह ने यह स्पष्ट कर दिया कि यदि छात्र अनुशासन, परिश्रम और मार्गदर्शन के मूल मंत्र को अपनाएं, तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं होती। जी.एम. एकेडमी ने न केवल शिक्षण में बल्कि चरित्र निर्माण में भी अपनी प्रतिबद्धता को एक बार फिर से सिद्ध कर दिया है।