संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट: मानिकपुर विकास खंड में तैनात लेखाकार रमेश कुशवाहा पर गंभीर आरोप सामने आए हैं। पहाड़ी ब्लॉक में तैनाती के दौरान उन्होंने बिना कार्य पूर्ण हुए ही जमानत राशि वापस कर दी।
क्या है पूरा मामला?
पहाड़ी ब्लॉक में क्षेत्र पंचायत के तहत अनिल शर्मा के घर से थाने तक एक कार्य कराया जाना था, लेकिन यह कार्य अधूरा ही रह गया। इसके बावजूद ठेकेदार उमेश सिंह को जमानत राशि वापस कर दी गई।
पूर्व लेखाकार ने रोकी थी जमानत राशि
इससे पहले, जब विष्णुकांत खरे इस पद पर थे, तो उन्होंने कार्य पूर्ण न होने पर जमानत राशि रोकी थी। लेकिन लेखाकार रमेश कुशवाहा ने कथित रूप से मोटी रकम लेकर यह राशि लौटा दी।
रिश्तेदारी बनी मिलीभगत का कारण?
सूत्रों के अनुसार, ठेकेदार उमेश सिंह, स्थापना लिपिक/आवास लिपिक रमेश सिंह पटेल का रिश्तेदार है। ऐसे में दोनों अधिकारियों की मिलीभगत से यह जमानत राशि वापस कराई गई।
पहले भी लग चुके हैं रिश्वतखोरी के आरोप
मार्च 2021 में लेखाकार रमेश कुशवाहा का रिश्वतखोरी से जुड़ा ऑडियो वायरल हुआ था, जिससे ज़िला प्रशासन ने जांच कराई और आवश्यक कार्यवाही की थी।
अब क्या होगी प्रशासन की अगली कार्रवाई?
अब बड़ा सवाल यह है कि शासन के नियमों की अनदेखी कर जमानत राशि वापस करने वाले लेखाकार रमेश कुशवाहा और इसमें सहयोग देने वाले स्थापना लिपिक/आवास लिपिक रमेश सिंह पटेल पर कब होगी जांच? क्या जिला प्रशासन इस मामले को संज्ञान में लेकर आवश्यक कार्रवाई करेगा या फिर मनमानी इसी तरह चलती रहेगी?
यह मामला भ्रष्टाचार और प्रशासनिक लापरवाही का गंभीर उदाहरण है, जिस पर त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता है।
खबरों के लिए हमारे साथ बने रहें

Author: जगदंबा उपाध्याय, मुख्य व्यवसाय प्रभारी
जिद है दुनिया जीतने की