चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
हाल ही में आई नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश के सबसे गरीब जिलों की सूची में बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, बदायूं, और अन्य जिलों का नाम शामिल है। यह रिपोर्ट गरीबी के स्तर को तीन महत्वपूर्ण मानकों पर परखते हुए तैयार की गई है, जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, और जीवन स्तर शामिल हैं।
हालांकि, 2016 से 2021 के बीच इन जिलों में गरीबी के आंकड़ों में सुधार देखा गया है, लेकिन फिर भी ये जिले प्रदेश के सबसे गरीब जिलों में शामिल हैं। इन आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि उत्तर प्रदेश के इन जिलों में गरीबी की स्थिति में सुधार हुआ है, लेकिन गरीबी अभी भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।
ये हैं यूपी के 10 सबसे गरीब जिले, देखें पूरी लिस्ट?
1. बहराइच: बहराइच जिले में गरीबी का स्तर सबसे अधिक है। 2021 के आंकड़ों के मुताबिक, यहां की 55% आबादी आज भी गरीब है। हालांकि, 2016 में यह आंकड़ा 72% था, यानी इस दौरान गरीबी में कुछ कमी आई है, लेकिन जिले में गरीबी की समस्या अभी भी गंभीर है।
2. श्रावस्ती: श्रावस्ती जिला, जो राप्ती नदी के पास स्थित है, प्रदेश का दूसरा सबसे गरीब जिला है। श्रावस्ती का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है, क्योंकि यह बौद्ध और जैन तीर्थयात्रियों के लिए एक प्रमुख स्थल है। 2021 में इस जिले की 55% आबादी गरीब रही, जो 2016 में 80% से अधिक थी। इससे यह स्पष्ट होता है कि हाल के वर्षों में जिले में गरीबी में सुधार हुआ है।
3. बलरामपुर: बलरामपुर जिला गरीबी के मामले में तीसरे स्थान पर आता है। 2015-16 में यहां की 70% आबादी गरीब थी। हालांकि, 2021 में यह आंकड़ा 42% तक आ गया है, जो एक सकारात्मक बदलाव को दर्शाता है। फिर भी, यह जिला गरीबी की श्रेणी में बना हुआ है।
4. बदायूं: बदायूं जिला 2021 के आंकड़ों के मुताबिक चौथे स्थान पर है, जहां 40% आबादी गरीब है। 2015-16 में यह आंकड़ा 57% था, जो अब सुधरकर 40% पर आ गया है। इस सुधार के बावजूद, यह जिला गरीब जिलों में शुमार है।
5. सीतापुर: सीतापुर जिला भी गरीब जिलों की सूची में आता है। 2021 में यहां की 40% आबादी गरीब रही, जबकि 2015-16 में यह आंकड़ा 57% था। जिले में गरीबी में कमी आई है, लेकिन फिर भी यह प्रदेश के गरीब जिलों में शामिल है।
6. सिद्धार्थनगर: सिद्धार्थनगर जिले का नाम भी इस सूची में है, जहां 2021 में 37% आबादी गरीब है, जबकि 2015-16 में यह आंकड़ा 57% था। इस जिले में भी गरीबी की स्थिति में सुधार देखा गया है।
7. संभल: संभल जिला गरीबी की श्रेणी में सातवें नंबर पर है। 2021 में यहां की 35% आबादी गरीब है, जो कि 2015-16 के मुकाबले काफी कम है। इस जिले में भी गरीबी में कमी आई है।
8. खीरी: खीरी जिले में भी गरीबी का स्तर काफी उच्च था, लेकिन हाल के वर्षों में इसमें सुधार देखा गया है। 2021 में यहां की 35% आबादी गरीब रही, जबकि 2015-16 में यह आंकड़ा 60% था।
9. हरदोई: हरदोई जिले का नाम भी इस सूची में है। 2015-16 में यहां की 51% आबादी गरीब थी, जो 2021 में घटकर 34% हो गई है। फिर भी यह जिला प्रदेश के गरीब जिलों में शामिल है।
10. बांदा: बांदा भी उत्तर प्रदेश के टॉप-10 गरीब जिलों में शामिल है। 2015-16 में यहां की 40% आबादी गरीब थी, जो 2021 में घटकर 34% हो गई है। यह भी गरीबी की श्रेणी में आता है, लेकिन सुधार की दिशा में आगे बढ़ा है।