google.com, pub-2721071185451024, DIRECT, f08c47fec0942fa0
मुजफ्फरनगर

ये मोहब्बत नगर है जनाब, यहाँ की आशिकी आपको भी दीवानों की कतार में खडी़ कर सकती है

IMG-20250425-WA1484(1)
IMG-20250425-WA0826
IMG-20250502-WA0000
Light Blue Modern Hospital Brochure_20250505_010416_0000
IMG_COM_202505222101103700

ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट

मुजफ्फरनगर, जिसे कभी सांप्रदायिक दंगों के लिए जाना गया, अब आपसी भाईचारे और सद्भाव की मिसाल बन रहा है। शहर के मोहल्ला लद्दावाला में एक ऐसा दृश्य देखने को मिला, जिसने यह साबित कर दिया कि धर्म के नाम पर खाई पैदा करने की कोशिशों के बावजूद आपसी प्रेम और सौहार्द कायम रह सकता है।

32 साल बाद मंदिर में हुआ यज्ञ, मुस्लिम समुदाय ने किया स्वागत

लद्दावाला मोहल्ले के एक शिव मंदिर, जो पिछले 32 सालों से बंद पड़ा था, में सोमवार को शुद्धिकरण यज्ञ का आयोजन हुआ। इस आयोजन में स्थानीय मुस्लिम समुदाय ने न केवल सहयोग किया, बल्कि श्रद्धालुओं का स्वागत भी किया। मोहल्ले के निवासियों ने गली में रेड कार्पेट बिछाया और श्रद्धालुओं पर फूलों की वर्षा की।

[the_ad id=”121548″]

सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल

यह मंदिर उस गली में स्थित है, जहां मुस्लिम परिवारों की घनी आबादी है और एक भी हिंदू परिवार नहीं रहता। इसके बावजूद, यहां यज्ञ और पूजा आयोजन को लेकर किसी भी तरह का विरोध नहीं हुआ। स्थानीय निवासी नदीम खान, जो सभासद हैं, ने बताया, “हमने इस मंदिर की देखभाल की है और पहले भी रंगाई-पुताई करवाई है। हमें इस बात की खुशी है कि यहां अब पूजा होगी।”

इतिहास और दंगों का साया

यह वही मुजफ्फरनगर है, जिसने 2013 में भयंकर सांप्रदायिक दंगों का दंश झेला था। लेकिन आज यहां का यह माहौल देशभर में चर्चा का विषय बन गया है। मंदिर की स्थापना लगभग 50 साल पहले हुई थी, जब यहां सैनी और खटीक समुदाय के परिवार रहते थे। परंतु 32 साल पहले इन परिवारों ने गली से पलायन कर दिया।

आगे की योजना: मूर्ति स्थापना और अतिक्रमण हटाना

योग साधना यशवीर आश्रम के महंत यशवीर महाराज ने जानकारी दी कि मंदिर में मूर्तियों की स्थापना के लिए 27 दिसंबर को महामाया मंदिर में चिंतन बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में एक समिति का गठन होगा, जो तय करेगी कि मूर्तियां कब स्थापित की जाएंगी।

मंदिर की जमीन पर हुए अतिक्रमण को हटाना एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने है। मंदिर के आसपास रहने वाले कुछ मुस्लिम परिवारों ने अपने मकान के छज्जे और निर्माण मंदिर की तरफ बढ़ा दिए हैं। भाजपा नेता सुधीर खटीक ने कहा, “सांप्रदायिक सौहार्द तो दिखा दिया गया है, अब अतिक्रमण हटाने में भी सहयोग की उम्मीद है।”

स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रियाएं

नईम अहमद, जो मंदिर के पास रहते हैं, ने कहा, “हमें खुशी है कि यहां पूजा शुरू हो रही है। यह हमारे मोहल्ले के लिए अच्छा संकेत है।”

महरबान, एक अन्य स्थानीय निवासी, ने सुझाव दिया कि मंदिर में गेट लगाना चाहिए ताकि जानवर अंदर न आ सकें।

सौहार्द का संदेश

यह घटना यह दिखाती है कि जब समुदाय मिलकर काम करते हैं, तो सांप्रदायिकता की दीवारें गिर सकती हैं। लद्दावाला के निवासियों ने यह साबित कर दिया कि प्रेम और सौहार्द से हर समस्या का समाधान किया जा सकता है।

मुजफ्फरनगर की इस पहल ने देशभर में एक सकारात्मक संदेश दिया है। यह मोहब्बत नगर का नया चेहरा है, जहां धार्मिक और सांप्रदायिक एकता के साथ भविष्य की ओर बढ़ा जा रहा है।

344 पाठकों ने अब तक पढा
samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

[embedyt] https://www.youtube.com/embed?listType=playlist&list=UU7V4PbrEu9I94AdP4JOd2ug&layout=gallery[/embedyt]
Tags

samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Close
Close