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संविधान की किताब हमेशा साथ रखने वाले राहुल गाँधी से जब पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने पूछा, संव‍िधान में क‍ितने पन्‍ने?.. पढिए क्या हुआ फिर

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अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट

भारतीय लोकतंत्र की नींव रखने वाले संविधान को लेकर हाल ही में संसद में एक महत्वपूर्ण चर्चा हुई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संविधान की प्रति हाथ में लेकर केंद्र सरकार पर तीखे सवाल दागे। उन्होंने विशेष तौर पर वीर सावरकर का संदर्भ दिया, जिन्होंने कहा था कि संविधान में “कुछ भी भारतीय नहीं है।” इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी पर पलटवार किया और पूछा कि क्या उन्हें संविधान में कितने पृष्ठ हैं, यह मालूम है?

भारत का संविधान: दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान

भारत का संविधान न केवल अपने विस्तृत प्रावधानों के लिए जाना जाता है, बल्कि यह दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है। इसे 25 भागों में विभाजित किया गया है, जिसमें 448 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां शामिल हैं। प्रारंभ में संविधान में 1,45,000 शब्द थे, लेकिन समय के साथ हुए संशोधनों के कारण इसमें और वृद्धि हुई है।

संविधान निर्माण की प्रक्रिया

संविधान के निर्माण में लगभग 2 वर्ष, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा। इसकी वास्तविक हस्तलिखित प्रति प्रेम बिहारी नारायण रायजादा द्वारा तैयार की गई थी। संविधान के प्रत्येक पृष्ठ को शांति निकेतन के कलाकारों ने सुंदर चित्रों से सजाया। इन चित्रों में भारतीय संस्कृति और इतिहास की झलक मिलती है।

संविधान की संरचना और पृष्ठ संख्या

जब संविधान की मूल प्रति तैयार हुई, तब इसमें कुल 251 पृष्ठ थे। इसका आकार 22 इंच लंबा और 16 इंच चौड़ा है। यह मूल प्रति संसद भवन की लाइब्रेरी में सुरक्षित रखी गई है। इस प्रति को हीलियम-भरे सीलबंद डिब्बे में रखा गया है ताकि उसमें हवा न प्रवेश कर सके। इस कक्ष का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस और आर्द्रता 30% पर नियंत्रित रखा जाता है ताकि दस्तावेज की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

संविधान की प्रमुख विशेषताएं

मौलिक अधिकार: संविधान भारतीय नागरिकों को 6 मौलिक अधिकार प्रदान करता है, जो उनकी स्वतंत्रता और गरिमा की रक्षा करते हैं।

कर्तव्य: संविधान में अधिकारों के साथ नागरिकों के कर्तव्यों का भी उल्लेख है।

राष्ट्रीय प्रतीक: संविधान लागू होने के साथ अशोक चक्र को राष्ट्रीय चिन्ह के रूप में स्वीकार किया गया।

भारतीय संविधान न केवल देश के कानूनी ढांचे का आधार है, बल्कि यह स्वतंत्र भारत की विविधता, समावेशिता, और लोकतांत्रिक मूल्यों का प्रतीक भी है। इसकी सुरक्षा और सम्मान करना हर भारतीय का कर्तव्य है।

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samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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