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November 21, 2024 2:35 pm

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इतने मंहगे प्याज कि छिलके उतारने का भी दुख हो…अभी तो और रुलाएगा प्याज

48 पाठकों ने अब तक पढा

चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

प्याज की कीमतों में फिर से भारी बढ़ोतरी की संभावना है, जो आम जनता की जेब पर भारी पड़ सकती है। शुक्रवार को सरकार ने प्याज पर लगाए गए मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस (MEP) की सीमा को हटा दिया है, जिससे अब किसान अपनी प्याज को बिना किसी सीमा के बेहतर कीमत पर विदेशों में बेच सकेंगे। इस कदम से भले ही किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी, लेकिन इसका सीधा असर घरेलू बाजार पर पड़ सकता है, जहां प्याज की आपूर्ति कम हो सकती है।

MEP की सीमा हटाने से बढ़ सकता है एक्सपोर्ट

अब तक प्याज पर MEP 550 डॉलर प्रति टन था, जिससे प्याज के निर्यात पर कुछ हद तक नियंत्रण था। लेकिन विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने अपने ताजा नोटिफिकेशन में इस सीमा को हटाने का फैसला किया है। इस फैसले से प्याज का निर्यात तेजी से बढ़ेगा, जिससे घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता घट सकती है और कीमतों में तेजी देखने को मिल सकती है।

नई फसल की आवक में देरी

खबरों के मुताबिक, अभी नई प्याज की फसल आने में लगभग दो महीने का समय लगेगा। इस बीच, बारिश के कारण पहले से ही सप्लाई चेन में बाधा आई हुई है, जिससे मंडियों में प्याज की आवक प्रभावित हो रही है। यदि निर्यात बढ़ता है और नई फसल की आवक में देर होती है, तो प्याज की कीमतें घरेलू बाजार में 100 रुपये प्रति किलो के पार भी जा सकती हैं।

मौजूदा स्थिति

अभी भी खुदरा बाजार में प्याज की कीमतें 60-80 रुपये प्रति किलो के बीच हैं, और पिछले 15-20 दिनों में इसमें लगातार वृद्धि देखी गई है। व्यापारियों का कहना है कि बारिश और ट्रांसपोर्टेशन में रुकावटों के चलते प्याज की आपूर्ति कम हो रही है, जिससे कीमतों में उछाल आ रहा है।

सरकार का दृष्टिकोण

कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्टर पीयूष गोयल ने इस नीति बदलाव का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे किसानों को फायदा होगा और उनकी आमदनी बढ़ेगी। हालांकि, इस कदम का असर घरेलू उपभोक्ताओं पर भी पड़ेगा, जिन्हें महंगे प्याज का सामना करना पड़ेगा।

जैसे-जैसे प्याज की मांग बढ़ेगी और आपूर्ति घटेगी, कीमतों में और उछाल की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। इस स्थिति से निपटने के लिए सरकार द्वारा कुछ अतिरिक्त उपाय किए जाने की भी जरूरत हो सकती है ताकि घरेलू बाजार पर अत्यधिक दबाव न पड़े।

News Desk
Author: News Desk

Kamlesh Kumar Chaudhary

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