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November 22, 2024 1:50 am

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युवकों ने नहीं दी साइड तो CO हुए नाराज, बुलाया दरोगा को और फिर जो हुआ, कोई यकीन नहीं करेगा

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ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट

हरदोई जिले में पुलिस की कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। पुलिस ने दो युवकों, समीम और मुलायम यादव को 26 सितंबर को आर्म्स एक्ट के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजा था, लेकिन इस गिरफ्तारी के पीछे की पुलिस कार्रवाई पर कोर्ट ने संदेह जताया है। आरोपियों के वकील ने कोर्ट में आरोप लगाया कि इन दोनों युवकों को सीओ की कार को रास्ता न देने के कारण पुलिस ने फर्जी मामले में फंसाया है।

वकील अभिषेक बाजपेयी ने कोर्ट को बताया कि सीओ ने दोनों युवकों को गाड़ी न साइड देने की वजह से पकड़ा और उन्हें पीटा गया। इसके बाद, दरोगा और स्थानीय पुलिस को बुलाकर उन्हें रात 10 बजे तक रोके रखा गया। इस दौरान, पुलिस ने कई बार वीडियो बनाए, जिसमें आरोपियों के पास तमंचा दिखाकर फर्जी वीडियो रिकॉर्ड किए गए। इसके बाद उन्हें थाने ले जाया गया और झूठे आरोपों में फंसा दिया गया।

पुलिस ने कोर्ट से आरोपियों की 14 दिन की रिमांड की मांग की थी, लेकिन जब मामले की सुनवाई हुई, तो अपर मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट देवेंद्र प्रताप सिंह ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए। जज ने कहा कि इस मामले में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 105 का पालन नहीं किया गया। इस धारा के तहत तलाशी और जब्ती की कार्रवाई का ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य है, लेकिन पुलिस द्वारा पेश किए गए वीडियो प्रथम दृष्टया फर्जी प्रतीत होते हैं। कोर्ट के सामने पेश किए गए पांच वीडियो में से एक 1 मिनट 32 सेकंड का, दूसरा 7 सेकंड का, तीसरा 1 मिनट 25 सेकंड का, चौथा 6 मिनट 2 सेकंड का और पांचवा 12 मिनट 36 सेकंड का था। जज ने टिप्पणी करते हुए कहा कि वीडियो को देखने के बाद ऐसा लगता है कि आरोपियों को फंसाने के उद्देश्य से यह सब किया गया है।

कोर्ट ने पुलिस की रिमांड याचिका को खारिज करते हुए हरदोई के एसपी को निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए हैं, ताकि मामले की सही जांच हो सके और कानून के अनुसार कार्रवाई की जा सके।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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