Explore

Search
Close this search box.

Search

November 23, 2024 12:24 am

लेटेस्ट न्यूज़

रिश्वतखोरी के आरोप में दरोगा रंगेहाथ गिरफ्तार, विजलेंस की कार्रवाई के दौरान हाथापाई

13 पाठकों ने अब तक पढा

इरफान अली लारी की रिपोर्ट

गोरखपुर के उरूवा थाना क्षेत्र में एक अपहरण के मामले में एफआर (फाइनल रिपोर्ट) लगाने के लिए रिश्वत लेते हुए उरूवा थाने के दरोगा सुनील यादव को विजलेंस की टीम ने मंगलवार की देर शाम रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। 

गिरफ्तारी के दौरान, दरोगा ने खुद को छुड़ाने के लिए टीम से हाथापाई भी की, जिससे वहां मौजूद एक चाय की दुकान का तखत टूट गया। हालांकि, वह भागने में सफल नहीं हो सका और विजलेंस की टीम ने उसे पकड़कर गोला थाने ले जाकर भ्रष्टाचार के आरोप में मामला दर्ज किया।

सुनील यादव 2022 बैच का दरोगा है और बलिया जिले के चितबड़ागांव थाना क्षेत्र के रामपुर चिटगांव का मूल निवासी है। 

कुछ महीने पहले ही उसका ट्रांसफर चौरीचौरा से उरूवा थाने में किया गया था। सिकरीगंज के निवासी राजेश कुमार ने 20 अगस्त को एसपी विजलेंस से दरोगा के खिलाफ शिकायत की थी। 

शिकायत में राजेश ने आरोप लगाया था कि दरोगा सुनील यादव ने उसके बेटे के खिलाफ दर्ज अपहरण के मामले में एफआर लगाने के बदले 50 हजार रुपये रिश्वत की मांग की थी। 

राजेश कुमार ने विजलेंस एसपी को बताया कि वह रिश्वत नहीं देना चाहता क्योंकि उसका बेटा निर्दोष है। इस शिकायत के आधार पर विजलेंस एसपी ने दरोगा को रंगेहाथ पकड़ने के लिए एक ट्रैप टीम का गठन किया। 

राजेश ने 10 हजार रुपये अपने दोस्त कुबेरनाथ दूबे से उधार लिए और दरोगा को यह पहली किश्त देने की बात कही। 

मंगलवार की शाम करीब 7:25 बजे, दरोगा सुनील यादव अपने एक साथी दरोगा के साथ पैसा लेने के लिए किशनपुर पहुंचा। वहां, चाय की दुकान पर जैसे ही दरोगा ने पैसे लिए, विजलेंस टीम ने उसे रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। 

गिरफ्तारी के बाद, सुनील यादव ने खुद को छुड़ाने के लिए टीम के साथ हाथापाई की, लेकिन वह भागने में सफल नहीं हो पाया। 

बताया जा रहा है कि सुनील यादव अकेले नहीं था, बल्कि वह अपने साथी दरोगा के साथ वहां पैसा लेने गया था। 

उसका साथी दरोगा कार में बैठा था और खुद सुनील यादव ने पैसे लिए थे, इसलिए विजलेंस टीम ने उसके साथी को छोड़ दिया।

हालांकि, जब सुनील यादव ने हाथापाई शुरू की, तो वहां स्थानीय लोग इकट्ठा हो गए, लेकिन विजलेंस टीम की जानकारी होने के बाद वे पीछे हट गए।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

लेटेस्ट न्यूज़