सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट
अनुसूचित जाति और जनजातियों के भीतर उप-श्रेणियों के निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के विरोध में दलित संगठनों ने 21 अगस्त को भारत बंद का आह्वान किया है।
इस बंद के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक सभी दुकानें, स्कूल, और कॉलेज बंद रखने की योजना बनाई गई है।
इस भारत बंद को बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की प्रमुख मायावती, कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और वामपंथी दलों समेत कई राजनीतिक दलों का समर्थन प्राप्त है।
विभिन्न दलों की प्रतिक्रिया
झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने अपने बयान में कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण की मौजूदा व्यवस्था को कमजोर करेगा।
वहीं, आरजेडी के प्रदेश महासचिव और मीडिया प्रभारी कैलाश यादव ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि पार्टी ने भारत बंद का समर्थन करने का निर्णय लिया है। कांग्रेस के प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने भी इस बंद को समर्थन देने की बात कही है।
विरोध का कारण
दलित और आदिवासी संगठनों के राष्ट्रीय परिसंघ (एनएसीडीएओआर) ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का विरोध जताया है। उनका कहना है कि यह फैसला 1992 में दिए गए इंदिरा साहनी मामले के ऐतिहासिक निर्णय को कमजोर करता है, जिसने भारत में आरक्षण की रूपरेखा तय की थी। सुप्रीम कोर्ट ने 1 अगस्त को दिए गए अपने फैसले में अनुसूचित जाति और जनजातियों के भीतर उप-श्रेणियों के निर्माण की अनुमति दी थी।
यह फैसला सुप्रीम कोर्ट की सात न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ द्वारा 6-1 के मत से सुनाया गया था। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व में इस पीठ के छह जजों ने इस फैसले का समर्थन किया था, जबकि जस्टिस बेला त्रिवेदी ने असहमति जताई थी।
भारत बंद का असर
भारत बंद के दौरान देशभर में कई जगहों पर जनजीवन प्रभावित हो सकता है। हालांकि, अभी तक किसी भी राज्य सरकार ने इस संबंध में आधिकारिक दिशानिर्देश जारी नहीं किए हैं।
इसके बावजूद पुलिस प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है, और विरोध प्रदर्शन के दौरान जनता की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। भारत बंद के दौरान परिवहन सेवाएं भी बाधित हो सकती हैं, और कुछ स्थानों पर निजी दफ्तर भी बंद रह सकते हैं।
चालू रहेंगी आपातकाल सेवाएं
21 अगस्त को भारत बंद के दौरान अस्पताल और एंबुलेंस जैसी आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी।
हालांकि, बैंक और सरकारी कार्यालय बंद रखने के संबंध में अभी तक सरकार ने कोई आदेश जारी नहीं किया है, इसलिए माना जा रहा है कि बैंक और सरकारी दफ्तर खुले रहेंगे।
भारत बंद का समर्थन कर रही पार्टियां
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद समेत कई प्रमुख राजनीतिक दलों और संगठनों ने इस भारत बंद का समर्थन किया है। कांग्रेस और अन्य कुछ पार्टियों के बड़े नेताओं ने भी इस बंद का समर्थन व्यक्त किया है।
इस तरह, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में दलित संगठनों द्वारा किए गए भारत बंद के चलते देशभर में कई स्थानों पर जनजीवन प्रभावित हो सकता है, और विरोध प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से सतर्कता बरती जा रही है।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."