Explore

Search

November 2, 2024 10:51 am

हवाओं में भी देश की सीमा का अपनी जान से भी ज्यादा खयाल रखने वाले एयर मार्शल जितेंद्र को मिला विशिष्ट सेवा पदक

2 Views

अर्जुन वर्मा की रिपोर्ट

भोपतपुरा गांव, जो बनकटा ब्लॉक के अंतर्गत आता है, आजकल खास वजह से चर्चा में है। यहाँ के निवासी एयर मार्शल जितेन्द्र मिश्र की उपलब्धियों को लेकर बेहद गर्वित और उत्साहित हैं। 

एयर मार्शल जितेन्द्र मिश्र को हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया गया है, जो उनके उत्कृष्ट सैन्य करियर का एक महत्वपूर्ण मान्यता है। इस सम्मान ने पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ा दी है और हर ओर हर्ष का माहौल है।

एयर मार्शल जितेन्द्र मिश्र के पिता, नथुनी मिश्र, एक साधारण किसान थे, लेकिन उनके बेटे ने अपनी मेहनत और लगन से आसमान की ऊँचाइयों को छू लिया। 

जितेन्द्र मिश्र को बचपन से ही विमान उड़ाने का गहरा शौक था। इस शौक ने उन्हें वायुसेना की ओर प्रेरित किया, और उन्होंने रक्षा अकादमी पुणे, एयर कमांड एंड स्टॉफ कॉलेज, एयर यूनिवर्सिटी, और रॉयल कॉलेज ऑफ डिफेंस स्टडीज में अपनी पढ़ाई पूरी की। 

6 दिसम्बर 1986 को, उन्होंने असम के तेजपुर में वायुसेना के लड़ाकू विमान के पायलट ऑफिसर के पद पर नियुक्ति प्राप्त की। उनके द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें पहले भी अति विशिष्ट सेवा मेडल और विशिष्ट सेवा मेडल से नवाजा जा चुका है। 

वर्तमान में, वे मुख्यालय एकीकृत रक्षा स्टॉफ में उप प्रमुख के पद पर कार्यरत हैं और अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रहे हैं।

कारगिल युद्ध के दौरान, जितेन्द्र मिश्र ने मिराज 2000 विमानों पर लेजर गाइडेड बम को संचालित करने वाली टीम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे दुश्मन पर भारी प्रभाव पड़ा। 

इसके अलावा, जून 2010 में, उन्हें फ्रांस में बहुराष्ट्रीय हवाई अभ्यास गरुण फोर्स के लिए भारतीय वायुसेना दल का नेतृत्व करने का अवसर मिला, जो एक बड़ी उपलब्धि थी। 

वे पुणे में सुखोई-30 एमकेआई ऑपरेटिंग एयरबेस के मुख्य परिचालन अधिकारी भी रह चुके हैं और 18 से अधिक प्रकार के लड़ाकू और परिवहन विमान तथा हेलीकॉप्टर उड़ाने का अनुभव रखते हैं।

एयर मार्शल जितेन्द्र मिश्र की इस नई उपलब्धि पर भोपतपुरा गांव में हर्षोल्लास का माहौल है। उनके परिवार और गांववासियों के लिए यह सम्मान गर्व का विषय है और उनकी मेहनत और समर्पण का सच्चा प्रमाण है। 

गांव के लोग इस सम्मान को अपने लिए भी एक प्रेरणा मानते हैं और उनके सफलता की कहानी से प्रेरित होकर अपनी मेहनत और लगन के साथ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित होते हैं।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."