आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के आगरा जनपद में पुलिस ने एक फर्जी इंस्पेक्टर पड़ा है। बताया जा रहा है कि फर्जी इंस्पेक्टर हाईवे पर वाहनों को रोककर वाहन चालकों से अवैध वसूली कर रहा था। पुलिस उसे पकड़ कर थाने लाई और कड़ाई से पूछताछ की तो वह रोने लगा।
इस मामले में डीसीपी सूरज राय द्वारा मीडिया को बताया गया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि अबुल उलाह दरगाह के पास एक इंस्पेक्टर वाहनों को रोककर मोबाइल में उनकी फोटो बना रहा है और अवैध वसूली कर रहा है।
सूचना मिलने के बाद चौकी प्रभारी मांगेराम को वाहन जांच के लिए भेजा गया। चौकी प्रभारी के पहुंचने पर भी पकड़ा गया शख्स इंस्पेक्टर की तरह पेश आता रहा। हालांकि उन्होंने जब पूछता है शुरू की तो उसकी हरकतें अजीब लगीं।
उसके बाद उसे पड़कर थाने ले और पूछता चाहिए तो उसने जो सच्चाई बताई उसे सुनकर पुलिस वाले भी हैरान रह गए। पूछताछ में उसने अपना नाम देवेंद्र उर्फ राजू निवासी राजपुर चुंगी बताया। उसने पुलिस को यह भी बताया कि वह पांचवी पास है और कोरोना काल में उसे लॉकडाउन के दौरान जगह-जगह रोका जाता था।
उसने बताया कि पुलिस द्वारा रोके जाने का विकल्प वह तलाशने लगा उसके बाद उसने देखा कि पुलिस वालों को कोई रोक नहीं है। ऐसे में वह एक दुकान पर गया और चार हजार रुपए में पुलिस की वर्दी बनवाई। वर्दी पहन कर जब वह बाजार निकला तो उसे कोई नहीं रोका।
उसके बाद लॉकडाउन समाप्त हो जाने पर कभी-कभी वर्दी पहनकर लोगों को धौंस देता तथा कहीं आने-जाने के दौरान वह ऑटो और बस का पैसा भी नहीं देता था। उसने बताया कि मौजूदा समय में उसकी आर्थिक हालत काफी खराब थी ऐसे में वह वर्दी पहनकर रुपए कमाने की सोचा और वाहनों से वसूली करने लगा।
पकड़े गए शख्स द्वारा बताई गई सच्चाई सुनकर पुलिस वाले भी हैरान रह गए। तलाशी के दौरान उसके पास से कुछ रुपए भी बरामद किए गए हैं। द्वारा उसके खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज करते हुए पुलिस द्वारा आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
Author: samachar
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