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17 March 2025 7:22 pm

ये है सबसे ‘बदनाम गांव’, जहां घर से अकेली नहीं निकलती महिलाएं, गांव का नाम सुनते ही रिश्ते क्यों तोड़ देते हैं लोग?

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“राजस्थान के जयपुर जिले में स्थित नंदलालपुरा गांव बदनामी और असुरक्षा से जूझ रहा है। देह व्यापार के कारण गाँव की महिलाएं और लड़कियां खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं, जिससे उनकी शिक्षा और विवाह पर असर पड़ रहा है। स्थायी पुलिस चौकी और सख्त कार्रवाई की मांग लगातार बढ़ रही है।”

राजस्थान के जयपुर जिले के डुडू विधानसभा क्षेत्र में स्थित नंदलालपुरा गांव आज बदनामी के कारण चर्चा में है। यह गांव जयपुर-अजमेर राजमार्ग से महज 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और यहाँ लगभग 150 परिवार निवास करते हैं। लेकिन, यहाँ की महिलाएं और लड़कियां खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं, जिसके चलते वे अकेले घर से बाहर नहीं निकलतीं।

गांव की बदनामी की वजह

इस गाँव के कुछ हिस्सों में पिछले 50-55 वर्षों से देह व्यापार किया जा रहा है। इस वजह से पूरे गांव को गलत नजरिए से देखा जाता है, जबकि यहाँ कई परिवार ऐसे भी हैं जो इस स्थिति से बेहद परेशान हैं। गाँव में बाहरी लोग आते ही गलत सवाल पूछते हैं, जिससे स्थानीय महिलाओं और लड़कियों को असहजता महसूस होती है।

महिलाओं की सुरक्षा पर मंडराता खतरा

गांव की महिलाओं के अनुसार, गलत तत्वों के कारण उनका घर से निकलना मुश्किल हो गया है। अकेले जाने पर उन्हें अक्सर छेड़छाड़ और अभद्र टिप्पणियों का सामना करना पड़ता है। यहाँ तक कि खेतों में काम करने के दौरान भी महिलाओं को असुरक्षा महसूस होती है। अंधेरा होने से पहले वे खुद को घरों में कैद कर लेती हैं, क्योंकि शाम ढलते ही गाँव में गतिविधियाँ बढ़ जाती हैं।

शिक्षा और विवाह पर पड़ता असर

इस बदनामी के कारण गाँव के बच्चों की शादी में भी मुश्किलें आ रही हैं। जब कोई इस गाँव का नाम सुनता है, तो वे तुरंत रिश्ते से इनकार कर देते हैं। यहाँ तक कि कुछ परिवार अपने बच्चों की शादी करवाने के लिए गाँव का नाम महला बताने लगे हैं।

इसके अलावा, छात्राओं की शिक्षा भी प्रभावित हुई है। असंुरक्षा के कारण कई लड़कियों ने स्कूल और कॉलेज जाना बंद कर दिया है।

अपराध और झगड़ों में बढ़ोतरी

स्थानीय लोगों के अनुसार, गाँव में आने वाले अधिकतर लोग नशे में धुत्त रहते हैं, जिससे अक्सर झगड़े होते हैं। स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि एक बार गाँव में झगड़े के दौरान हत्या भी हो चुकी है।

पुलिस चौकी हटने के बाद बिगड़ी स्थिति

1998 से 2008 तक गाँव में एक पुलिस चौकी थी, जिससे अपराध पर लगाम लगी हुई थी। लेकिन, इसके हटने के बाद से अपराध बढ़ते चले गए। हालाँकि, पुलिस कभी-कभी गश्त लगाती है, लेकिन स्थायी पुलिस चौकी की जरूरत महसूस की जा रही है।

स्थानीय लोगों की मांग

ग्रामीणों का कहना है कि गाँव की बदनामी दूर करने और सुरक्षा बढ़ाने के लिए स्थायी पुलिस चौकी स्थापित की जानी चाहिए। यदि पुलिस द्वारा नियमित कार्रवाई की जाती है, तो देह व्यापार पर रोक लगाई जा सकती है और गाँव की बहू-बेटियों को सुरक्षा मिल सकती है।

नंदलालपुरा गाँव में सामाजिक और प्रशासनिक हस्तक्षेप की सख्त जरूरत है। यदि सही कदम उठाए जाते हैं, तो गाँव की छवि सुधारी जा सकती है, और यहाँ की महिलाएं सुरक्षित महसूस कर सकती हैं। प्रशासन और समाज को मिलकर इस समस्या का समाधान निकालना होगा, ताकि गाँव के लोग सम्मान और शांति से अपना जीवन जी सकें।

➡️सुरेंद्र प्रताप सिंह की रिपोर्ट

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